हरतालिका तीज के दिन क्यों किया जाता है सोलह सिंगार, जानिए क्या है महत्व

हरतालिका तीज के दिन क्यों किया जाता है सोलह सिंगार, जानिए क्या है महत्व

हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। महिलाएं इस दिन सोलह सिंगार इसलिए करती हैं क्योंकि यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए होता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपना पूरा श्रृंगार करती है और विधि विधान से व्रत का पालन करती है। महिलाओं का यह श्रृंगार पति के प्रति आकर्षक और सुंदर दिखने में मदद करता है। इतना ही नहीं, इन सभी श्रृंगार का मतलब यह भी होता है कि पति पत्नी का रिश्ता मजबूत और सुखी हो जाता है।

सिंदूर और बिंदी
महिलाएं अपने मांग में सिंदूर लगाती हैं जो कि उनके पति के प्रति उनके प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है महिलाएं अपने माथे पर बिंदी लगाती हैं जो कि उनके सौंदर्य को बढ़ाता है।

काजल
महिलाएं अपनी आंखों में काजल लगाती हैं जो कि उनकी आंखों को सुंदर और आकर्षक बनाता है। महिलाएं अपनी आंखों में सुरमा लगाती हैं जो कि उनकी आंखों को और भी सुंदर बनाता है।

मेहंदी और पैरों में अलता
महिलाएं अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाती हैं जो कि एक पारंपरिक और सुंदर डिज़ाइन होता है। महिलाएं अपने पैरों में अलता लगाती हैं जो कि उनके पैरों को सुंदर और आकर्षक बनाता हैं।

आभूषण
महिलाएं अपने हाथों में बांगड़ी पहनती हैं जो कि एक पारंपरिक आभूषण होता है। महिलाएं अपने कानों में कुंडल पहनती हैं जो कि एक पारंपरिक आभूषण होता है।

साड़ी और गले में मंगलसूत्र
महिलाएं अपने गले में मंगलसूत्र पहनती हैं जो कि उनके पति के प्रति उनके प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है। महिलाएं साड़ी या लहंगा पहनती हैं जो कि एक पारंपरिक और सुंदर पोशाक होता है।

बालों में गजरा और इत्र
महिलाएं अपने बालों में गजरा पहनती हैं जो कि एक पारंपरिक और सुंदर आभूषण होता है। महिलाएं इत्र या सुगंध लगाती हैं जो कि उनके सौंदर्य को बढ़ाता है।

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