मजाक जब हो हद से ज्यादा

मजाक जब हो हद से ज्यादा

रिश्तो चाहे कोई भी सास बहू, ननद भाभी, देवर देवरानी का, ये सभी रिश्ते बडी नजाकत लिए होते हैं इन्हें मधुर बनाने के लिए थोडे हंसी-मजाक सिर्फ मजाक होना चाहिए किसी को जान-बूझकर चोट पहुंचाने का तरीका नहीं । मजाक करने वाले व्यक्ति को सामने वाले की उम्र व संबंध का लिहाज कर के ही मजाक करें। कभी-कभी फूहड मजाक के चलते वाद विवाद, आरोप प्रत्यारोप, कटु व्यवहार आदि चीजें आ जाती हैं, जिससे रिश्तों में दूरियां आ जाती हैं।