किस काम का स्ट्रेट फॉरवर्ड होना
अपनों को दुख ना दें
अकेले में सोचें आपने कैसे शब्द इस्तेमाल किए हैं।
रिश्ते खुशी देते हैं, इन्हें सहेजना भी आना चाहिए।
कटाक्ष करने वाले कारणों को न ढूंढें।
जो देंगे, वही हमें प्राप्त होगा। प्यार के बदले प्यार और नफरत के बदले नफरत।
अपनों की गलती माफ भी की जा सकती है। करीबी रिश्ते की अहमियत समझें और उसकी कद्र करें।
कभी-कभी ऎसे कटाक्ष जिंदगीभर के नश्तर बन जाते हैं।
बोलने वाला अपने दिल की भडास शब्दों के जरिए निकाल देता है और यह सोचता भी नहीं कि उसने जो विष उगला है उसका प्रभाव ताउम्र रहने वाला है कई बार मजाक या शिकायत भरे लहजे में कही गई बात भी घाव बना जाती है और जब ये घाव अपनों के दिए हों तो पीडा और भी गहरी हो जाती है।