किस काम का स्ट्रेट फॉरवर्ड होना

किस काम का स्ट्रेट फॉरवर्ड होना

आज की लाइफस्टाइल में जहां एक-दूसरे को मान-सम्मान देने की परंपरा कम होती जा रही है, वहीं शब्दों को नाप-तौल कर बोलने का भी रिवाज नहीं रहा। अगर इसका विरोध दर्ज कराया जाए तो जवाब मिलता है, हम तो भई स्ट्रेट फॉरवर्ड हैं, जो कहते हैं मुंह पर ही कह देते हैं आप कह तो देती हैं, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपकी कथित सीधी-खरी बात आपको अपने नजदीकी रिश्तों से कितना दूर कर रही है अगर कोई आपसे ऎसे बोलेगा तो क्या आपको बुरा नहीं लगेगा। लेकिन जिन महिलाओं को शब्दों के बाण फेंकने की आदत होती है, वे धीरे-धीरे अपनों से कटती जाती हैं। ऊपरी दिखावे में बेशक सम्मान मिल जाए, लेकिन दिल से प्यार उन्हीं को मिलता है जो कटाक्ष करने से बचती हैं और अपनी बात को सलीके से कहती हैं।