क्या होता है आत्मविश्वास !
सकारात्मक चिंतन हो सबसे पहले व्यक्ति को चाहिए कि वह हमेशा सकारात्मक चिंतन करे। सकारात्मक विचारधारा के लोगों के साथ ही रहें। कहा भी जाता है कि जैसी संगति, वैसी उन्नति। जैसी आपकी विचारधारा होगी, दिमाग भी वही सोचने लगता है अत: सकारात्मक ही सोचें तथा साथ ही अपनी खामियों को भी स्वीकार करें।