बोतलबंद पानी पीने के क्या नुकसान हैं
अगर आप भी यात्रा करते समय बोतल बंद का प्रयोग करते हैं तो यह आपके लिए
जरूरी खबर हो सकती है। भाभा रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने हाल में पता
लगाया है कि बोतल बंद पानी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। पानी को
साफ करने में प्रयोग किए जाने वाले खतरनाक रसायनों की मौजूदगी बोतल के
पानी में पाई जा रही है।
बई स्थित भाभा शोध संस्थान की जांच रिपोर्ट
में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य से 27 गुना ज्यादा तक
घातक रसायन मिलने से बोतलबंद पानी कैंसर का बड़ा कारण बन सकता है। परीक्षण
में 35 नामचीन बोतलबंद पानी के ब्रांडों को शामिल किया गया था।
बोतलबंद
पानी को साफ करने में कंपनियां जिन रसायनों का प्रयोग कर रही हैं, वह
लोगों की सेहत को खोखला कर रहे हैं। आम नलों से निकलने वाला पानी भी शरीर
को इतना गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता, जितना बोतलबंद। अनुसंधान में पाया गया
कि क्लोराइड सामान्य से 21 गुना ज्यादा मात्रा मिली है। इससे आंत, लीवर और
किडनी को नुकसान पहुंचता है। साथ ही सामान्य से 24 गुना ज्यादा क्लोरेट
मात्रा की मौजूदगी मिली है। इससे शरीर के सॉफ्ट टिश्यू कड़े होने लगते हैं।
वैज्ञानिकों
के अनुसार महिलाओं के लिए तो बोतलबंद पानी और भी घातक है। वैज्ञानिकों ने
पता लगाया है कि महिलाओं में गर्भाशय से संबंधित कई बीमारियां बोतलबंद पानी
से हो सकती हैं। करीब 80 से 90 प्रतिशत महिलाओं में गर्भाशय के पास गठान
वाली बीमारी होती है।[1]
इसका कारण भी बोतल बंद पानी को बताया गया
है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने जांच में पाया कि बोतलबंद पानी किडनी पर भी
विपरीत असर डालता है। बोतलबंद पानी प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाता है।
पानी
पीने के बाद बोतल को फेंक दिया जाता है जो घातक कचरा तैयार करती है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि प्लास्टिक की बोतल को पूरी तरह नष्ट होने में
700 साल का समय लगता है। अब अगर बोतलबंद पानी खरीदें तो अपनी सेहत और
प्रकृति को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखें।
डा पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी राजस्थान विधान सभा जयपुर।ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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