एनेरोक्सिया नर्वोसा दुबले होने का जुनून

एनेरोक्सिया नर्वोसा दुबले होने का जुनून

वेट घटने के लिए कम खाना-खाना या मोटे होने के डर से भूख का कम लगना भी एक बीमारी है। इस बीमारी को एनेरोक्सिया नर्वोसा कहा जाता है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है वे लोग कम वजन होने के बावजूद भी मोटे होने की भावना से ग्रसित होते हैं।
एनेरोक्सिया की बीमारी दो प्रकार की होती है, पहली वो जिसमें लोग अपना वजन कम करने के लिए कम खाते हैं और दूसरी वह जिसमें लोग बिलकुल खाना छोड देते हैं।
इस बीमारी का कोई प्रमुख कारण नहीं है लेकिन यह बीमारी किसी शारीरिक, मानसिक या सामाजिक परेशानी की वजह से उत्पन्न हो सकती है।
कुछ लोगों में यह बीमारी अनुवांशिक होती है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में दिमाग में पाया जाने वाला कोर्टिसॉल हारमोन की मात्रा ज्यादा हो जाती है और भावनाओं से संबंधित हारमोन की मात्रा कम हो जाती है।
इस बीमारी मे लक्षणों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है वे वजन कम करने के लिए हमेशा कम आहार लेना पसंद करते है।
शारीरिक कारण
इसके शारीरिक कारणों में शामिल हैं-अचानक अधिक वजन का कम होना, बालों का टूटना, रूखी त्वचा, कमजोर नाखून, चक्कर आना, कम रक्तचाप आदि।
मानसिक कारण
कमजोर याददाश्त, निर्णय लेने में परेशानी, जल्द ही चिढ जाना आदि।
आचरण संबंधित कारण
खाने की मात्रा और उससे मिलने वाली ऊर्जा के बारे में गहन चिंतन, खाने में छोटे-छोटे भागों में तोडकर खाना, भूख ना लगने का बहाना बनाना आदि। यह बीमारी जितनी मामूली लगती है, उतनी है नहीं। इस बीमारी से ग्रसित 50 प्रतिशत लोग भूख और कमजोरी की वजह से अपनी जान खो देते हैं। इसकी वजह से किडनी, लीवर और दिल से जुडी बीमारियां होने का खतरा भी होता है। इस बीमारी के इलाज के लिए तुरंत ही चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इसके इलाज का प्रमुख भाग वजन बढाने पर ध्यान देना होता है जिसके लिए कई पद्धतियों का प्रयोग किया जाता है जैसे-न्यूट्रिशनल थेरेपी, काउन्सलिंग, गु्रप थेरेपी आदि।