कैसे चढता है प्यार का बुखार...
पति या प्रेमी कैसा भी हो सिर आंखों में समाया होता है एक मनोवैज्ञानक के अनुसार इस तरह के प्यार समर्पर्ण के पीछे आत्मिक भूख की संतुष्टि पाने का उद्देश्य होता है। बहुत-सी महिलाएं साथी या पति को पाकर सोचती हैं कि स्नेहात्मक समर्पण का अनुभव करने के लिए हमने ईश्वर को पा लिया जो सिर्फ भावनात्मक उद्वेग और प्यार का अंधापन है।प्यार में अंधा होना जीवन में अंधकार भर देता है और हर औरत इस तथ्य को नहीं समझेगी तो सदियों तक प्यार में छली जाएगी और प्यार अंधा कहलाता रहेगा