घडियां संवारे आपका आशियाना

घडियां संवारे आपका आशियाना

भारतीय सभ्यता में ध्वनियां उत्पन्न करने वाले ऎसे यंत्र व उपकरणों को घरों के अन्दर प्रयोग किए जाने की सलाह दी जाती है जिससे कई प्रकार की सकारात्मक ध्वनि या तरंगे निकलती हैं। जैसे हर घंटे पर ध्वनि उत्पन्न करने वाली पेंडुलमयुक्त दीवार घडियां या पेंडुलम टाइप वॉल क्लॉक दिन में हर घंटे आवाज या तरंग उत्पन्न करके घर में सकारात्मक एनर्जी को प्रवाहित करती है।
आजकल मार्केट में एक से एक डिजाइनर घडियां मौजूद हैं। आप अपने घर के इंटीरियर के हिसाबा से इन घडियों को सजा करती हैं। जैसे, ड्राइंगरूम यदि मॉडर्न लुक वाला है तो किसी कॉर्नटेबल या शो केस में डिजाइनर टेबलक्लॉक रखें। यदि आपको इटैलियन या विक्टोरियन स्टाइल पसंद है तो उसके हिसाब से दीवार पर विक्टोरियन शैली वाली घडी सजाएं। वास्तु के हिसाब से यदि आप अपने घर का इंटीरियर तैयार करती हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि घडी को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न लगाएं।
यदि आप ऎसा करती हैं तो यह कहीं ना कहीं आपको बाधित करती है, इसलिए घडी को घर में रखते समय अवश्य ध्यान दें कि वह उत्तर या पश्चिम दिशा में इस तरह लगे जिससे आपको काम करते समय देखने में आसानी हो सके।
दीवार घडी को कभी भी दरवाजे के ऊपर वाली जगह पर ना लगाएं। दरवाजे के ऊपर घडी लगाना ना तो वास्तु के हिसाब से ठीक होता है और ना ही बेहतर इंटीरियर में सही लुक आता है। बेडरूम में दक्षिण की तरफ घडी ना रखें और ना ही दीवार पर टांगें। घडी को हमेशा पैरों कीतरफ या नजर के सामने वाली जगह पर ही रखें। आजकल चाबी भरने वाली घडियों की जगह इलेक्ट्रॉनिक घडियों का चलन है, जिनमें विधुत चुंबकीय विकिरण पैदा करने की तीव्र क्षमता होती है।
ये विकिरण हमारे शरीर के सूक्ष्म तंतुओं या कोमल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। ध्यान में रखने योग्य कुछ बातें ध्यान रखें कि दीवार पर लगी घडी बंद या खराब ना टांगें। कई लोग डिजाइनर घडियों को बतौर सजावट के तौर पर बंद भी टांगे रखते हैं। ऎसा ना करें, उन्हें ठीक करवाएं या हटा दें। घडी का शीशा टूटा या चटका हुआ नहीं होना चाहिए। समय-समय पर घडी की सफाई करते रहें। घर में सभी घडियों को चालू हालत में रखें। बैटरी खत्म होते ही नई बैटरी डाल दें।