वास्तु के हिसाब से तय करें अपने घर के फर्श का लेवल
समय बदलने के साथ लोग काफी मॉडर्न हो गए
है। आजकल लोग घर बनवाने से पहले आर्किटेक्ट से उसका डिजाइन तैयार करवाते है।
डिजाइन बनाते समय आर्किटेक्ट फर्श के लेवल को ऊंचा-नीचा कर देते है, जोकि उनके हिसाब से तो ठीक होता है लेकिन इससे कई वास्तु दोष पैदा
होते है। एेसे में घर के फर्श का लेवल तय करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें
ताकि कोई परेशानी का सामना करना पड़े। आज हम आपको कुछ एेसी ही बातें बताने जा रहे
है जिन्हें ध्यान में रखकर ही घर के फर्श तैयार करवाएं।
- अगर आप दक्षिण व पश्चिम दिशा की तरफ बेडरूम बना
रहे है तो इसके फर्श का लेवल ऊंचा रखें क्योंकि इन दिशाओं का फर्श ऊंचा होना शुभ
माना जाता है।
- वास्तु के हिसाब से घर आगे से नीचा व पीछे से
ऊंचा होना चाहिए।
- ध्यान रखें कि फर्श का लेवल ज्यादा ऊंचा या
ज्यादा नीचा न हो।
- बेहतर है कि घर में दो से अधिक फर्श लेवल
न हो।
- फर्श को स्टेपवाइज बना रहे है तो इस बात का ध्यान
रखें कि छत ऊंची-नीची न हो। छत को एक लेवल में रखना शुभ होता है।
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