Vastu tips आजमाएं गृह-सज्जा के लिए...

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पहले के समय में अधिकतर घरों में रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में हुआ करती थी। पहले के लोग इस कोने में रसोईघर इसलिए बनाया करते थे क्योंकि पहले घरों में बिजली नहीं हुआ करती थी। सूरज की रोशनी की प्रकाश का सबसे सुलभ माध्यम होता था। इस दिशा में धूप सुबह और शाम दोनों समय बनी रहती थी। सुबह ग्यारह-बारह बजे तक घर की औरतें दोपहर ते खाना बना लेती थी। पूर्ण रूप से प्रकाश होने के चलते कोई-कीडा मकोडा या कोई गन्दगी खने में गिरने का डर नहीं होता था, इसी प्रकार शाम को भी छह-सात बजे तक पूर्ण रूप से प्रकाश रसोईघर में हमेशा बना रहता था। वहीं आजकल वास्तु के अनुसार दक्षिण-पूर्व कोने जिसे अग्किोण कहते हैं। इस दिशा में रसोई बनवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह अग्नि एनर्जी का प्रतीक होती है। रसोई में आग पर खाना पकाया जाता है।

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