जानें गिरीराज पर्वत की कुछ अनजानी बातों के बारे में....
इस पर्वत की परिक्रमा के लिए समूचे
विश्व से कृष्णभक्त, वैष्णवजन और वल्लभसंप्रदाय के लोग आते हैं। यह पूरी
परिक्रमा सात कोस अथा्रत लगभग 21 किलोमीटर है।
परिक्रमा मार्ग में पडने
वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, जातिपुरा, मुखार्विद मंदिर, राधाकुं ड मानसी
गंगा, पूंछरी का लौंठा, कुसुम सरोवर, दानघाटी इत्यादि हैं। गोवर्धन में
सुरभि गाय, ऐरावत हाथी तथा एक शिला पर भगवान कृष्ण के चरण चिद्ध है।
परिक्रमा की शुरूआत वैष्णवजन जातिपुरा से और सामान्यजन मानसी गंगा से करते
हैं और पुन: वही पहुंच जाते हैं। पूंछरी का लौठा में दर्शन करना आवश्यक
माना गया है, क्योंकि यहां आने से इस बात की पुष्टि मानी जाती है कि आप
यहां परिक्रमा करने आए है। यह अर्जी लगाने जैसा है। पूंछरी का लौठा क्षेत्र
राजस्थान में आता है।