खाद्य तेल में पाया जाने वाला ट्रांस फैट धीमा जहर : विशेषज्ञ
नई दिल्ली। खाद्य तेल में पाया जाने वाला ट्रांस फैट धीमा जहर है, जो हृदय और गुर्दा समेत शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर मौत का कारण बनता है। यह बात शुक्रवार को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई ) द्वारा ट्रांस फैट को लेकर एक जन-जागरूकता अभियान को शुरू करने के मौके पर कही।
विशेषज्ञों ने बताया कि ट्रांस फैट एक प्रकार का असंतृप्त वसा अम्ल (अनसैचुरेटेड फैटी एसिड) है जो प्रकृति में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है और जिससे कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन, उद्योग द्वारा जब इसका उपयोग खाद्य में किया जाता है, तो यह जहर जैसा बन जाता है।
एफएसएसएआई के सीईओ डॉ. पवन अग्रवाल ने कहा कि ट्रांस फैट के कारण होने वाली दिल की बीमारी में दुनियाभर में हर साल करीब पांच लाख लोगों की मौत होती है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2022 तक दुनिया को ट्रांस फैट से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में इससे हर साल 60,000 लोगों की मौत होती है और हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की समय सीमा से पहले इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं।’’