बना रहे प्यार का पहरा
प्यार करने की वजह मालूम चल जाए, तो प्यार का
आनंद दोगुना हो सकता है। कहते हैं, प्यार की जुबां नहीं होती। यह तो
खामोशी से हवाओं में बहता रहता
है। प्यार धर्म, जाति, ऊंच-नीच और सरहद की दीवारों के पार पनपता रहा है,
कभी निगाहें तो कभी दिल की धडकनें इस की गवाह बनती हैं। प्यार कब और किससे
हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। पहले कोई आंखों को अच्छा लगता है, फिर
धीरे-धीरे वह मन में बस जाता है। इसके बाद शुरू होता है स्वयं से युद्ध कि
इजहारे मोहब्बत कैसे किया जाए। प्यार का दिन- अपने दिलबर की आंखों से
छलकता प्यार तो आप ने कई बार देखा होगा, लेकिन वह नजरों के करीब ना हो, तो
उसे अपने प्यार की खुमारी का एहसास कैसे कराएंगी! इस का आसान तरीका है कि
अपने दिल के जज्बातों को फोन करके या एसएमएस द्वारा मोहब्बत का पैगाम बना
कर भेज दें अपने दिलबर के पास। प्यार करने के चंद कराण जानिए।