महाशिवरात्रि: इस साल बन रहा है अद्भुत संयोग, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

महाशिवरात्रि: इस साल बन रहा है अद्भुत संयोग, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी के दिन शुक्रवार को है।

इस साल महा​शिवरात्रि के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है, ​जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिए बहुत ही खास है। आइए हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते है कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा का मुहूर्त क्या है।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 21 फरवरी दिन शुक्रवार को शाम 05 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिषों के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए, इसलिए इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी। आप सभी को व्रत 21 को ही रखना चाहिए।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

शिव रात्रि के दिन भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं। केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं, पूरी रात्रि का दीपक जलाएं, चंदन का तिलक लगाएं।

तीन बेलपत्र, जायफल, कमल गट्टे, फल, भांग धतूर, तुलसी, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर बच्चों को प्रसाद बांटें।

पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें।

इस महाशिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग

इस बार महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम दिन होता है। इस महाशिवरात्री पर एक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है। सर्वार्थ सिद्धि योग 21 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट से बन रहा है, जो 22 फरवरी को सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं, ज्योतिष के अनुसार, इस बार शिवरात्रि पर शुक्र अपनी उच्च रा​शि मीन में होगा और शनि मकर में। यह एक दुर्लभ योग है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना उत्तम मानी गई है।


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