दीर्घकालिक रिश्तों के लिए जरूरी है इन गुणों का होना

दीर्घकालिक रिश्तों के लिए जरूरी है इन गुणों का होना

आज मेरी पत्नी से एक बार फिर किसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गई। कहा-सुनी ने लड़ाई-झगड़े का रूप ले लिया। 23 वर्षीय पुत्र ने इस को देखते हुए मुझसे कहा कि आप में इतनी कमियाँ हैं कि आप का किसी के साथ भी रिश्ता लम्बे समय तक नहींचल सकता। हम आपके साथ अपने रिश्ते को खुशी के साथ नहीं अपितु मजबूरी में बंधे हुए हैं। अगर बस में होता तो आपको छोडक़र कब के हम तीनों चले जाते। उसका तीनों से मतलब अपनी बहन से था। मेरे एक बेटी भी है। इस बात ने मुझे आज इतना विचलित किया कि मैं अपने काम में मन नहीं लगा पाया। लेकिन पाठकों के साथ दो बात करने का जो सिलसिला बरसों से चला आ रहा है उसे मैं रोक नहीं पाया। इस सोच के चलते मैंने अपने आप में अन्दर तक निहारा तो मुझे स्वयं में कई कमियाँ नजर आईं। इन कमियों को देखते हुए मुझे लगा कि शायद यह दूसरे पुरुषों में भी हों। किसी भी रिश्ते को दीर्घकाल तक कायम रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम यह जानें कि हमारे अंदर ऐसे कौन से गुण हैं जो हमारे साथी को हमारे साथ जीवन बिताने पर विवश कर दें। अपना आत्म विश्लेषण कर मैंने पाया कि मेरे अन्दर निम्नांकित गुणों की कमी है—

ईमानदारी
कर्तव्य, मर्यादा व सत्य का पूर्ण निष्ठा से पालन करना ईमानदारी है। ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है। किसी रिश्ते को दीर्घकाल तक कायम रखने के लिए यह आवश्यक है कि आपसी संबंधों में ईमानदारी रहे। ईमानदार होना लोगों का हम पर विश्वास बनाए रखने में मदद करना है। झूठे लोगों पर कोई जल्दी भरोसा नहीं कर पाता है। ईमानदारी जीवन में हमें सब कुछ उम्मीद के अनुसार देती है। वहीं एक झूठ किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकता है।

स्पष्टवादिता
किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए यह आवश्यक है कि रिश्ता दिल से निभाया जाए न कि बोझ समझकर। साथी की अगर कोई बात पसंद नहीं है या उसे समझ नहीं पा रहे हैं तो इस डर से कि अगर मैंने कुछ कहा तो दूसरे को बुरा लगेगा ये सोचने के स्थान पर स्पष्ट रूप से अपनी बात कहकर उस समस्या का समाधान करें। स्पष्ट बात किसी को कुछ क्षण के लिए बुरी लग सकती है। लेकिन सुनने वाला भी यह जानता है कि मन में कुढऩे की जगह स्पष्ट रूप से बात कह कर समस्या का समाधान कर लेना अधिक अच्छा होता है।

स्वावलंबी
स्वावलंबी व्यक्ति को दूसरे के सहारे की आवश्यकता नहीं रहती। वह अपने प्रयास से सफलता पा लेता है। उसे अपने ऊपर विश्वास रहता है। वह भाग्य के सहारे नहीं रहता है। वह किसी भी कार्य को असंभव नहीं समझता। वरन आगे बढ़ कर हर मुश्किल का सामना करता है और अपनी मंजिल को पाता है। वह प्रयत्न करना कभी नहीं छोड़ता।

साहसी
साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। यह निडर और बेखौफ होती है। बेखौफ इंसान इस बात की फिक्र नहीं करता कि दूसरा उसके बारे में क्या सोचता है। वह अड़ोस-पड़ोस को देख कर नहीं चलता। वह यह नहीं सोचता कि उसके इस कदम का परिणाम क्या होगा। डर कर जीना उसके लिए सबसे बड़ी हार है। और मैं इस हार को कभी जीतते नहीं देखना चाहता। संकटों का सामना करके ही मंजिल मिलती है।

आशावादी
जीवन में हार कर बैठना कायर लोगों की निशानी है। आशाएँ शुभ निशानी हैं। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प और आशावादी होने की आवश्यकता है। आशावादी व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करता है। आज जो परिस्थिति है उससे हार न मान कर अच्छे परिणामों के लिए परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है।

पारिवारिक रिश्ते
किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए यह आवश्यक है कि जैसे हम अपने परिवार के साथ रिश्ते निभाते हैं उसी प्रकार अपने साथी के परिवार के साथ भी रिश्ते निभाएँ। कभी मैं एक संयुक्त परिवार के साथ रहता था लेकिन आज अपने पुत्र की बात सुनकर मुझे महसूस हुआ कि मैं अपने रिश्तों को निभाने में असफल रहा। इसलिए मेरे लिए अपने साथी के परिवार के साथ सामंजस्य बैठाने में भी मुझे बहुत समस्या रही है। शायद इसी के चलते आज तक मेरे ससुराल से सम्बन्ध सही नहीं रहे हैं।

जरूरी है पाककला का ज्ञाता होना
वर्तमान समय में पुरुषों को पाक कला में पारंगत होना जरूरी है। इसके दो कारण हैं एक यदि आपकी पत्नी नौकरीपेशा है तो उसे उम्मीद रहती है कि आफिस से घर पहुँचने के बाद रसोई में उसके पति उसका हाथ बंटायेंगे। दूसरा कारण यदि आपकी पत्नी हाउस वाइफ है तो कभी-कभी वह सोचती है कि उसके स्थान पर कोई दूसरा रसोई को संभाले तो वह कुछ पल सुकून से जी सके। मेरे साथ यह बड़ी समस्या है। मैं पाक कला से पूरी तरह अंजान हूं। मेरी पत्नी को कुछ ऐसी बीमारियाँ हैं जिसके चलते उसे रसोई में काम करने में तकलीफ होती है लेकिन फिर भी उसे करना पड़ता क्योंकि वह जानती है कि अगर उसने खाना नहीं बनाया तो सबको भूखा रहना पड़ेगा।

#अनचाहे बालों को हटाना अब मुसीबत नहीं...