पितृपक्ष में नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, लग सकता है दोष
पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसमें हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा और तर्पण किया जाता है। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके। पितृपक्ष में सबसे पहले तो हमें अपने पूर्वजों की पूजा और तर्पण करना चाहिए। इसके लिए हमें शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन करना चाहिए। हमें अपने पूर्वजों की पसंद के अनुसार भोजन और दान करना चाहिए।
पूर्वजों की पूजा में लापरवाही
पितृपक्ष में पूर्वजों की पूजा में लापरवाही करना एक बड़ी गलती हो सकती है। अगर आप अपने पूर्वजों की पूजा में ध्यान नहीं देते हैं और शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन नहीं करते हैं, तो इससे पितृदोष लग सकता है। इसलिए, पितृपक्ष में अपने पूर्वजों की पूजा में ध्यान देना बहुत जरूरी है।
तर्पण न करना
पितृपक्ष में तर्पण करना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आप तर्पण नहीं करते हैं या तर्पण में गलती करते हैं, तो इससे पितृदोष लग सकता है। तर्पण करने से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और हमारे परिवार की सुख-समृद्धि बढ़ती है।
गरीबों को दान न करना
पितृपक्ष में गरीबों को दान करना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आप दान नहीं करते हैं या दान में लापरवाही करते हैं, तो इससे पितृदोष लग सकता है। गरीबों को दान करने से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और हमारे परिवार की सुख-समृद्धि बढ़ती है।
शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन न करना
पितृपक्ष में शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन करना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आप शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन नहीं करते हैं, तो इससे पितृदोष लग सकता है। इसलिए, पितृपक्ष में शास्त्रों के अनुसार विधि-विधान का पालन करना बहुत जरूरी है।
पूर्वजों की याद में भोजन न कराना
पितृपक्ष में पूर्वजों की याद में भोजन कराना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आप भोजन नहीं कराते हैं या भोजन में लापरवाही करते हैं, तो इससे पितृदोष लग सकता है। पूर्वजों की याद में भोजन कराने से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और हमारे परिवार की सुख-समृद्धि बढ़ती है।
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