फिर तो याद्दाश्त ठीक रहेगी

फिर तो याद्दाश्त ठीक रहेगी

काम की अधिकता के कारण हमारा मन कई जगह बंटा होता है। कइ्र बार यह तनाव हम पर इस कदर हावी होता है। कि हमारे मस्तिष्क के न्यूरॉन्स हमारे चेतन-अवचेतन मन में तालमेल नहीं बिठा पाते, जिसे कारण हम चीजें भूल जाते हैं। इसका कारण एक ओर भी हमारा मस्तिष्क उन चीजों और बातों को ज्यादा याद रखता है, जिनमें हमारी रूचि होती है या जिनसे हमें हंसी आती है। आप टीवी पर लॉफ्टर चैलेंज देखते हैं, तो वह ज्यादा अच्छी तरह से याद रहता है, क्योंकि आप उसे एंजॉय करते हैं। यही बात हमारी दैनिक रूटीन पर भी लागू होती है। जो काम हमें रोचक लगता है हम उसे याद रखते हैं ओर जो रोचक नहीं लगता उसे याद नहीं रखते।