आने वाला कल शानदार है : डिजाइनर कुणाल रावल
नई दिल्ली। पुरूषों के परिधानों के डिजाइनर कुणाल रावल का मानना है कि
चूंकि ऑनलाइन चीजों की मांग बढ़ रही है, ऐसे में भारतीय परिधानों के भी
विदेशों में छाने की संभावना जताई जा सकती है। उनका कहना है कि कपड़ों की
बात करें, तो भारत की विरासत काफी समृद्ध है इसलिए इस क्षेत्र में आने वाला
कल काफी शानदार प्रतीत होता है।
कुणाल ने बीते मंगलवार को आयोजित
डिजिटल इंडिया कॉचर वीक में अपने पहले वर्चुअल फैशन शो में अपने हालिया
कलेक्शन लॉन्च किए। आईएएनएस लाइफ ने इस पर उनसे खास बातचीत की है।
पहले
वर्चुअल फैशन शो के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर रावल ने कहा, इस नए
प्रारूप के साथ काम करने का अनुभव बिल्कुल नया व रोमांचक था। कोरोनाकाल में
नई चीजों को आत्मसात करने के लिए आपको हमेशा तैयार रहना पड़ेगा ताकि बदलती
हुई परिस्थितियों के साथ ढल सके। इंडिया कॉचर वीक काफी अच्छे से बीता।
अपने डिजाइन किए हुए पोशाकों को साथ में लाना और उन्हें डिजिटली फिल्माना
काफी रोमांचक रहा। मुझे इस पर उतनी समझ नहीं थी इसलिए इस पर काम करने में
बहुत मजा आया क्योंकि इसके माध्यम से हमने छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना
सीखा।
मेरा जो लुक था, उसमें एक ही रंग के कई शेड्स पर काम किया
गया था। इनमें हाथों से बारीक काम किए हुए थे और इन्हीं की मदद से कई
अलग-अलग तरह के टेक्सचर बनाए गए थे। मैं उन बारीकियों को दिखाने के लिए
उत्साहित था, जिन्हें अकसर लाइव शोज के दौरान अनदेखा कर दिया जाता है।
चूंकि हम एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे इसलिए आप इसमें अपने परिधानों के
बेहद करीब जाकर इन्हें फिल्मा सकते थे और इसी के चलते मैंने अपने कलेक्शन
को हाइड एंड सीक का नाम दिया। तरह-तरह की रूपरेखा में बने ये कपड़े किसी
भी मौके पर पहने जाने के लिए उपयुक्त हैं। मुझे लगता है कि इस तरह के
परिधान किसी एक देश की सीमा तक सीमित नहीं होने चाहिए। ये नए जमाने के
पुरूषों के हिसाब से ही तैयार किए गए हैं, जो हमारी स्टाइल पर सटीक बैठते
हैं।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत में डिजाइनर कपड़ों की
इंडस्ट्री के बारे में क्या कहना चाहेंगे? इसके जवाब में रावल ने कहा, भारत में इसका भविष्य काफी शानदार है। भारत में जिस तरह के कलाकार और
कारीगर हैं, उन्हें देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि डिजाइनर कपड़ों के
क्षेत्र में भारत की विरासत काफी समृद्ध है। बाहर के देशों में यहां के
परिधान भेजे जाते हैं, देश-विदेश में भारतीय प्रतिभाओं को पहचान मिल रही
है। ये यहां के डिजाइनरों के लिए फायदे की बात है।
उन्होंने आगे कहा, आने वाले दस सालों में, भारत से नामी-गिरामी फैशनेबल ब्रांड दुनिया के
सामने आएंगे, ऐसा मेरा मानना है। कपड़ों की खरीददारी के मामले में लोग पहले
से काफी ज्यादा जागरूक हुए हैं, अब सिर्फ नए जमाने के फैशन को ध्यान में
रखकर खरीददारी नहीं की जाती है। इस महामारी के चलते हममें अपने पर्यावरण के
लिए एक गहरी सोच पैदा हुई है, अपने पहनावे पर हम फिर से गौर फरमाने लगे
है, हम उन्हीं का चुनाव कर रहे हैं, जो हमें बेहतर महसूस कराए, जो टिकाऊ
हो, पर्यावरण की दृष्टि से हितकारी हो। चूंकि अब लोग ऑनलाइन खरीददारी पर
ज्यादा ध्यान दे रहे हैं इसलिए इसे देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारतीय
फैशन इंडस्ट्री दुनिया में धीरे-धीरे अपने पैर पसार रही है। (आईएएनएस)
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