
सुपरफ्रूट अंजीर : रोजाना करें सेवन, कब्ज-कमजोरी से लेकर खांसी तक में मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। अंजीर न केवल एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि औषधीय गुणों से
भरपूर है, जो सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद में इसे
महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसके रोजाना सेवन से न केवल कब्ज-कमजोरी दूर
होती है बल्कि पुरानी खांसी तक में फायदा मिलता है। संस्कृत में उदुम्बर
कहलाने वाला यह फल ताजा और सूखे दोनों रूपों में फायदेमंद होता है। यह शरीर
को पोषण प्रदान करता है और कई रोगों में राहत देकर तकलीफें कम करने में
कारगर है।
आयुर्वेद के अनुसार, अंजीर का रस मधुर, औषधीय गुणों से भरपूर
और शीतल होता है। यह मुख्य रूप से पित्त और वात दोष को शांत करता है, जबकि
कफ में सीमित मात्रा में उपयोगी है। पाचन तंत्र पर अंजीर का प्रभाव विशेष
रूप से लाभकारी है। यह पुरानी कब्ज में भी राहत देता है। साथ ही आंतों के
रूखेपन को कम करता है, गैस और पेट के भारीपन से मुक्ति दिलाता है।
बवासीर
के मरीजों के लिए यह लाभदायी है। अंजीर मल त्याग को आसान बनाने के साथ ही
खूनी बवासीर में जलन-दर्द कम करता है। सुपरफ्रूट कमजोरी और रक्त संबंधी
समस्याओं में भी लाभदायी है। यह लंबी बीमारी के बाद रिकवरी में मदद करता है
और महिलाओं की सामान्य कमजोरी दूर करता है।
श्वसन तंत्र के लिए सूखा अंजीर सूखी खांसी, गले की खराश और फेफड़ों को पोषण
देता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए अंजीर एक टॉनिक है। यह रक्त वाहिनियों
को मजबूत बनाता है, कोलेस्ट्रॉल संतुलित रखता है और रक्त संचार सुधारता
है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि त्वचा पर इसका लेप फोड़े-फुंसी और घाव
भरने में सहायक है, जबकि रूखी त्वचा को नमी प्रदान करता है।
अंजीर का सेवन कैसे करें: इसके
बारे में आयुर्वेदाचार्य जानकारी देते हैं। इसके लिए रात में 1-2 सूखे
अंजीर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट खाएं। दूध के साथ लेने से
शरीर को ताकत मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अंजीर प्रभावी फल है, जो
शरीर की कई समस्याओं को दूर कर पोषण और ताकत देता है। नियमित और संतुलित
सेवन से ही लाभ मिलता है। हालांकि, सावधानी जरूरी है। मधुमेह के मरीज सीमित
मात्रा लें, अधिक कफ वाले ज्यादा न खाएं और अत्यधिक सेवन से पेट ढीला हो
सकता है। आयुर्वेदिक उपचार से पहले वैद्य की सलाह अवश्य लें। -आईएएनएस
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