गुनाहों से तौबा और बरकात की रात है शबे रात
नियाज फातिहा, कुरआन ख्वानी, मजारों की धुलाई, कब्रों पर फूल चढाना, गुलगुलों से मस्जिदों की ताकों को भरना, ये सारी बिदअतें व खुराफातें पन्द्रह शअबान को आज का मोमिन करता है।
नियाज फातिहा, कुरआन ख्वानी, मजारों की धुलाई, कब्रों पर फूल चढाना, गुलगुलों से मस्जिदों की ताकों को भरना, ये सारी बिदअतें व खुराफातें पन्द्रह शअबान को आज का मोमिन करता है।