रोमांस के प्रति महिलाओं का बदलता नजरिया
नहीं है कोई शर्म
आधुनिकता से पूर्णत:व्याप्त आज स्त्री के मन में प्यार और सेक्स को लेकर पहले की अपेक्षा वो संकोच व झिझक नहीं रही है, जो कुछ सालों पहले थी। वह अपनी संतुष्टि और अभिव्यक्ति को अपना अधिकार मानती है,जिसका परिणाम यह है कि आज वह खुले दिमाग के साथ सेक्स के बारे में बातें करती है। आज çस्त्रयों के विचार और ख्यालात बहुत बदल गए हैं। वह अपनी इच्छाओं को सामाजिक दबाव के कारण दमन नहीं करती, बल्कि बिना संकोच के सेक्स की पहल करती है, ताकि उनकी जरूरतों की पूर्ति हो सके । दांपत्य जीवन में सेक्स की भूमिका बहुत अहम होती है। इसलिए अगर इसमे जरा सी भी उदासीनता आती है तो दांपत्य की गाडी लडखडाने लगती है। इसमे ताजगी बनाए रखने के लिए आज हर स्त्री आजादी चाहती है ताकि वह शर्म झिझक को किनारे रख के सेक्स में क्या चाहती है साथी को बता सके।