रोमांस के बारे में वे झूठ जिन्हें आप सच मानते हैं
इतिहास हमें सिखाता है कि लोग उसी को सच मानते है जो असल मे खुद सुनना चाहते है, हमारा समाज अंतरंगता की भूख से मर रहा है, और हमारी संस्कृति मे इस भूख को लेकर कई ऎसे झूठ है जिन पर हम विश्वास करते है। यह सच है कि हम अंतरंग गहराई से यौन प्राणी है, पर इस झूठ पर विश्वास करना कि सभोग, रिश्तो की अंतरंगता को बढाने का एक मार्ग है बिलकुल गलत है, हम सब इस झूठ को सच मानते है क्योंकि हम सभी इसे सबसे सरल उपाय मानते है। निश्चित रूप से हमारी संभोग इच्छाएं ठीक उतनी ही पुरानी है जितनी की मानवता। फर्क सिर्फ इतना ही है कि आज संसार मे लोग अपनी इन इच्छाओ को अलग-अलग तरीको जैसे मशीनें (टीवी,कम्प्यूटर) और सेक्स संस्थाओ द्वारा दिए जाने वाले जैसी कामुक प्रलोभनो जैसे कि बस एक बार आजमाओ और आप संतुष्ट होंगे, विविधता के लिए आओ दावा है कि आप बोर नही होगें की ओर आर्कषित होकर पूरा कर रहे है। सबसे बडी त्रासदी यह है कि लोग अपनी भूख को मिटाने के लिए ऎसे गलत रास्तो की तलाश कर रहे है। संबंध एक व्यक्तिगत अधिकार है और इसमे किसी एक के लिए प्रतिबद्धता अवश्य आदर्श है। इस लेख मे हम रोमांस से जुडी कुछ गलत अवधारणाओं पर आपका ध्यान आर्कषित कर रहे है।