रोमांस के बिना अधूरा होता है...
किसी से अचानक प्यार हो जाना और हमेशा उसमें खोए रहना यह सब अपने आप से नहीं होता औन ना ही दिल से, बल्कि यह प्रकृति की सरंचना है। हमारे मस्तिष्क में होने वाली कुछ रासायनिक क्रियाएं तथा जीन सम्बन्धी संरचनाएं और विषेशताएं ही प्यार हो जाने का प्रमुख आधार होती है, क्योंकि इस दौरान व्यक्ति के बौडी में जैव रासायनिक समीकरण जन्म लेते हैं और यह अभिक्रिया उसे प्रकृति के मकसद को पूरा करने की दिशा की ओर ले जाती है और इन्हीं की बदौलत प्यार और उसकी गहराई तय होती है।