शादी में क्या है कुण्डली का महत्व

शादी में क्या है कुण्डली का महत्व

शादी कितनी चलेगी
कुंडली को हिंदू धर्म में शादी का सबसे पहला चरण माना जाता है जिसमें भावी वर और वधु की जन्मकुंडली को बनवा कर उसे आपस में मिलाया जाता है कि उनके कितने गुण रहे हैं। इससे उनके वैवाहिक जीवन का अंदाजा लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पुरूष और महिला की प्रकृति, शादी के बाद परिवर्तित हो जाती है जो आपस में एक-दूसरे के व्यवहार से ज्यादा प्रभावित होती है। यही कारण है कि कुंडली को मिलाकर जान लिया जाता है कि उन दोनों की आपस में कितनी पटरी खाएगी।