रॉक प्लांटेशन घर को दे शानदार लुक
यूं होता है तैयार गार्डन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रॉक प्लांटेशन के लिए सबसे पहले चट्टान के टुकडे लिए जाते हैं। ये टुकडे बडी-बडी चट्टानों की प्राकृतिक क्रियाओं से अलग हुए होते हैं। इसे लावा रॉक स्टोन कहते हैं। इन लावा रॉक स्टोन में प्राकृतिक रूप में कई होल हो जाते हैं। रॉक के होल में पौधों की जडों का सेट रोपा जाता है। इसके बाद दोबारा मिट्टी और खाद्य का लेप किया जाता है। पूरी रॉक पर तार से वाइरिंग की जाती है ताकि पौधे सेट हो सकें। इसके बाद धीरे-धीरे पौधों की जडें रॉक के होल्स में फैलकर जगह बना लेती हैं। नमी के लिए इन रॉक्स पर मॉसग्रास लगाई जाती है। राजस्थान के उदयपुर, दौसा, भीलवाडा से यह लावा रॉक स्टोन और ब्लैक पत्थर मंगवाए जाते हैं। इन ब्लैक पत्थर से स्लेट प्लांटेशन किया जाता है। स्लेट प्लांटेशन में गमलेे में इन स्लेट्स को खंडरनुमा स्टाइल में लगा कर इसमे बीच-बीच में प्लांटेशन किया जाता है। रॉक स्लेट प्लांटेशन में पोधों की लंबाई 2 से 2.5 फीट तक होती है। इन तैयार किए गए रॉक प्लांटेशन की कीमत पांच सौ रूपए से दस हजार रूपए तक होती है।