संकल्प के बल पर मनचाही सफलता

संकल्प के बल पर मनचाही सफलता

इच्छाशक्ति संकल्प जैसे बहुमूल्य सिक्के का दूसरा पहलू है। यह हमारे संकल्प को दृढता पदान करती है। इसलिए अपनी इच्छाशक्ति को कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए। इससे हमें निराशा जैसी नकारात्मक स्थिति से भी छुटकारा मिलता है। ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि और अनेकानेक संसाधनों के अलावा संकल्प करने की क्षमता भी प्रदान की है। संकल्प कर लेने के बाद अपने पिछले कायोंü, व्यवहार, अभ्यास, आदतों आदि पर स्वयं अपने आलोचक बनकर दृष्टि डालनी चाहिए। संकल्प कर्म के बिना व्यर्थ है। गलत ढंग से और बिना कार्य योजना के कर्म करते जाना भी व्यर्थ है। स्वयं अपने प्रति, अपने संकल्प के प्रति और अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार रहना बेहद जरूरी है।