सौंदर्य निखारें प्राकृतिक गुणों से
त्वचा का रंग सामान्यत: आनुवंशिक गुणों पर निर्भर करता है। त्वचा को रंग कैलामोसाइटिस नामक कोशिकाओं द्वारा मिलता हे। यह कोशिकाएं मोलानिन नामक पदार्थ का निमार्ण करती हैं जो त्वचा के रंग के लिए उत्तरदायी हैं। रंग देने वाली इन कोशिकाओं पर बाहरी प्रभाव पडने से भी प्राय: बदलाव आता है। यह कोशिकाएं धूप से प्रभावित होती हैं जिससे इनकी सक्रियता बढ जाती है। नतीजा स्किन का रंग सांवला या काला हो जाता है। सांवली रंग की महिला हीनभावना से त्रस्त रहती है जिससे उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पडता है। लेकिन ब्यूटी एक्सर्पट का मानना है कि सांवला रंग कुरूपता या ईश्वर का अभिशाप नहीं हैं। किसी की पहचान उसके रूप से नहीं, गुणों द्वारा होती है।