गर्भावस्था में शिशु की विकास प्रक्रिया

गर्भावस्था में शिशु की विकास प्रक्रिया

गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का निरन्तर विकास इस प्रकार होता है-शिशु के पूर्ण विकास के लिए लगभग 40 सप्ताह लगते हैं। इस अवधि की समाप्ति पर पूरे महीने हो गए (फुल टर्म) कहा जाता है। यही है गर्भावस्था का पूरा समय।
4 सप्ताह पर : निषेचित अंडाणु विभाजित होना प्रारंभ करता है और कोशिकाओं के झुंड में बढ़ने लगता है। फिर वह गर्भाशय की दीवारों से जुड जाता है। उठती थैली में निहित तरल कोश में भ्रूण के संपूर्ण अंगों का विकास प्रारंभ हो जाता है। जन्म होने तक शिशु का विकास इस में ही होता है। यह तरल पदार्थ शिशु के लिए एक कुशन गद्दे का काम करता है।
8 सप्ताह पर : भ्रूण को गर्भ कहा जाता है और इस दौरान दिमाग के तेज विकास के साथ ही अंगों का बनना शुरू हो जाता है।
12 सप्ताह पर : गर्भ ल़डका या ल़डकी होने के चिह्न दर्शाता है और नाखून भी निकलने लगते हैं।
16 सप्ताह पर : माँ के द्वारा अपने पेट के भीतर भ्रूण द्वारा होने वाली हलचलों को महसूस किया जा सकता है।
24 सप्ताह पर : भ्रूण 12 इंच लंबा हो जाता है और बार-बार अपनी स्थिति बदलता है, वह एक लघु चित्र की तरह दिखाई देता है। केवल उस की चमडी लाल, सिकु़डी सी होती है और उसकी भीतरी तह में वसा नहीं होती।
28 सप्ताह पर : भ्रूण लगभग 15 इंच लंबा होता है और अपनी जगह स्थिर हो जाता है।
36 सप्ताह पर : भ्रूण 19 इंच लंबा हो जाता है तब तक शिशु का पूर्ण विकास हो चुका होता है।