आज से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, नहीं करने चाहिए ये 5 काम
आज से पितृ पक्ष अर्थात् श्राद्ध पक्ष अर्थात् कनाकत
की शुरूआत होने जा रही है। एक पखवाड़े (15 दिन) तक यह चलता है। पूर्णिमा के
दिन से शुरू होने वाला यह पक्ष अमावस्या पर खत्म होता है। हिंदू धर्म में
पितृपक्ष का बहुत महत्व है। पितृपक्ष में पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को
याद किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। मान्यता है कि
विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण
किए जाते हैं। इससे प्रसन्न होकर पूर्वज अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का
आशीर्वाद देते हैं। माना जाता है कि पितृपक्ष में पूर्वज कौवे रूप में धरती
पर आते हैं।
इस साल पितृ पक्ष 10 सिंतबर आज से शुरू होकर 25 सितंबर को
समाप्त होगा। इन दिनों कुछ खास काम करने की मनाही होती है। कहा जाता है कि
इन कार्यों को करने से पितृ नाराज हो जाते हैं।
आज हम अपने पाठकों को उन कार्यों को बताने के जा रहे हैं जो हमें इस दौरान नहीं करने चाहिए...
1.
पितृपक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक माहौल होना चाहिए। इस
दौरान घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनाना चाहिए। हो सके तो इन दिनों लहसुन
और प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
2. पितृपक्ष में श्राद्धकर्म
करने वाले व्यक्ति को पूरे 15 दिनों तक बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए।
साथ ही इन लोगों को ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए।
3. माना जाता
है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज कौवे के रूप में धरती पर आते हैं। इसलिए
उन्हें सताना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं बल्कि
पितृपक्ष में पशु-पक्षियों की सेवा करनी चाहिए।
4. पितृपक्ष के
दौरान न सिर्फ मांसाहारी बल्कि कुछ शाकाहारी चीजों को खाना के लिए मना किया
जाता है। इन दिनों लौकी, खीरा, चना, जीरा और सरसों का साग खाने की मनाही
होती है।
5. पितृपक्ष में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करनी
चाहिए। शादी, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पितृपक्ष में
वर्जित माने जाते हैं। पितृपक्ष के दौरान शोकाकुल का माहौल होता है इसलिए
इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है।
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