जानें क्यूं हैं:सात फेरों के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व
हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों या इस जन्म में
अनजाने में बुरे कर्म का परिणाम भोगना पडता है। ऐसी स्थिति में शुभ
मुहुर्त, मंत्र जाप तथा दानादि ही रक्षा करते हैं। बहुत से लोगों को यह
शंका उत्पन्न होती है कि भगवान राम व सीता का विवाह शुभ मुहुर्त में किया
गया था फिर भी सीता का रावण ने अपहरण कर लिया और भगवान राम ने सीता का
त्याग कर दिया। पर हम ये क्यों भूल जाते हैं कि सीता ने स्वयंवर रचा था
वहां मुहुर्त का विचार नहीं हुआ था। उसके उपरांत जो उचित अच्छा समय आया,
उसका उपयोग किया गया था। दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि भगवान राम ने मानव
अवतार लिया था, अवतार ले कर भगवान राम ने हमें अपनी लीला के रूप में गृहस्थ
जीवन की शिक्षा दी है और बताया है कि मनुष्य ऐसी गलती ना करे। शुभ मुहूर्त
जिंदगी भर की खुशियां दे सकते हैं, तो क्यों ना इसका ध्यान रखा जाए।