मोती ज्वैलरी लगाएं आपकी पर्सनैलिटी में चार-चांद

मोती ज्वैलरी लगाएं आपकी पर्सनैलिटी में चार-चांद

सदियों से चले आ रहे मोती की चमक आज भी अपने पूरे शबाब पर है। वह अभी भी उतना ही पसंद किया जाता है जितना कि राजा-महाराजा और रजवाडों के समय में। महारानियों से लेकर मॉडर्न लोग भी इसे पसंद करते हैं। ऐसी कई हस्तियां हैं जिनके ज्वेलरी बॉक्स में मोती ने अपना स्थान डायमंड, सोने और कई कीमती नगों के बीच बना रखा है।
सदियों पहले मोती समुद्र की गहराई से खोज कर निकाला जाता था। यही कारण था कि यह बेशकीमती था। इसे समुद्र की गहराइयों से निकालना मुश्किल काम था इसलिए कल्चर्ड मोती की खोज की गई। जापान ने कल्चर्ड मोती बनाने का तरीका 1920 में ही खोज लिया था। इसके बाजार में आने से यह हर आम और खास के स्टाइल स्टेमेंट का हिस्सा बन रहा है।

कल्चर्ड मोती और नैचुरल मोती इन दोनों की पहचान काफी मुश्किल है। देखने में एक जैसे लगते हैं। कल्चर्ड मोती के बारे में कहा जाता है कि यह दो तरह से बनाया जाता है, साफ पानी और और खारे पानी में। लेकिन फैशन मेें फ्रेश वॉटर पर्ल की मांग ज्यादा है। चाइना, थाईलैंड, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और बिवा लेक जापान के पल्र्स काफी मशहूर हैं। हैदराबादी पल्र्स ने भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

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