Parenting Tips: क्या होती है को-पेरेंटिंग, जानिए मतलब

Parenting Tips: क्या होती है को-पेरेंटिंग, जानिए मतलब

माता-पिता बनना एक बहुत बड़ी खुशी होती है यह पल हर किसी के लिए यादगार होता है, लेकिन कई बार पति-पत्नी का रिश्ता टूट जाता है। ऐसे में जब कपल तलाक ले लेता है तो को-पेरेंटिंग का फैसला लेते हैं। को-पेंटिंग का मतलब होता है की तलाकशुदा माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश मिलकर करते हैं। यानी कि तलाक के बाद भी वह अलग तो हो जाते हैं, लेकिन बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी बराबर होती है। हालांकि माता पिता के तलाक का बच्चों पर बुरा असर पड़ता है लेकिन को पेरेंटिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहता है। माता-पिता बच्चों के लिए एफर्ट्स लगते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।

माता-पिता करते हैं देखभाल

तलाक के बाद माता-पिता बच्चों की जिम्मेदारी को मिलकर उठाते हैं और बच्चों को एक अच्छा एटमॉस्फेयर देते हैं। हालांकि माता-पिता के तलाक का असर बच्चों पर पड़ता है, लेकिन ऐसे में माता-पिता जब साथ में परवरिश करते हैं तो बच्चों को फील नहीं होता। को-पेरेंटिंग में माता-पिता बच्चन की देखभाल पढ़ाई और उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारियां लेते हैं।

को पेंटिंग के कारण

को पेरेंटिंग का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि बच्चों को खुश रखा जा सके और उनकी देखभाल की जा सके। जब माता-पिता मिलकर बच्चों की परवरिश करते हैं, तो उनकी जिंदगी बेहतर बन जाती है इसलिए बच्चे भी अकेलापन महसूस नहीं करते हैं। हालांकि को पेरेंटिंग आसान नहीं होता है लेकिन माता-पिता बच्चों की भलाई के लिए ऐसा करते हैं।

को पेंटिंग वाले पेरेंट्स के बीच में रोमांस नहीं होता है वह सिर्फ बच्चे की खुशी के लिए एक साथ रहते हैं। एक तरह से इस रिश्ते को ज्वाइन पेरेंटिंग भी कहते हैं। जब माता-पिता बच्चों की को पेरेंटिंग करते हैं तो पुरानी बातों को बीच में लाकर लड़ाई झगड़ा नहीं करते, ऐसा इसलिए होता है ताकि बच्चे पर इसका बुरा असर न पड़े।


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