Parenting Tips: रिश्तेदारों के सामने आने से घबराता है बच्चा, तो जानिए क्या है वजह
कई बार ऐसा होता है कि घर में मेहमान आते हैं या रिश्तेदार आते हैं तो बच्चे घर के किसी कमरे में चुपचाप बैठ जाते हैं उन्हें मेहमान या रिश्तेदार के आने की कोई एक्साइटमेंट नहीं होती है कोई खुशी नहीं होती है। यदि वह रिश्तेदारों से मिलते भी है तो अपनी बनावटी मुस्कान के साथ उन्हें कोई खुशी नहीं होती। गर्मियों की छुट्टी में बच्चे अपनी नानी दादी के घर तो जाते ही हैं भाई बहनों के साथ खेलते हैं लेकिन आजकल के बच्चे मोबाइल स्क्रीन पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं इसके अलावा सोशल मीडिया साइट्स भी उन्हें बेहद पसंद आती है। क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि इस व्यवहार के पीछे क्या वजह हो सकती है क्यों वे सगे संबंधियों के सामने आने से कतराते हैं चलिए जानते हैं।
आजादी और हमउम्र
किशोरावस्था में आने के बाद बच्चे अपनी आजादी पर ज्यादा फोकस करते हैं वह अपने माता-पिता पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं रहते हैं और रिश्तेदारों के बीच खुलकर नहीं आते इसलिए वह अनकंफरटेबल महसूस करते हैं। इसके अलावा किशोरावस्था में उनमें शारीरिक और जैविक बदलाव होते हैं इस उम्र में बच्चे रिश्तेदारों से मिलने और उनके घर जाने की बजाय साथियों के साथ रहने के तबस्सुम देते हैं।
होता है शर्मीला स्वभाव
कई बच्चे ऐसे होते हैं जो काफी शर्मीले स्वभाव के होते हैं जो हर किसी के साथ घुलमिल नहीं पाते हैं। ऐसे में वह सिर्फ परिवार के साथ ही अनकंफरटेबल महसूस करते हैं और रिश्तेदारों के सामने आने से घबराते हैं।
एकल परिवार
पुराने समय में लोग बड़े परिवार में रहना पसंद करते थे, इस वजह से सुख-दुख एक साथ बांटा जाता था लेकिन आज के समय में लोग एकल परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए यह गलत भी नहीं है लेकिन हमेशा अकेला रहना बच्चों के लिए सही नहीं है, वह अकेलापन पसंद करने लग जाते हैं।
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