Parenting Tips: बच्चों को कितना देना चाहिए स्पेस और कितनी लगानी चाहिए रोक-टोक
अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी प्राइवेसी बढ़ जाती है ऐसे में बच्चों के साथ रोक-टोक करना अच्छा नहीं होता। अगर आपका बच्चा भी टीनएज की तरफ निकल रहा है और आप उन पर रोक-टोक कर रहे हैं तो पेरेंट्स को उनकी प्राइवेसी और स्पेस के बारे में जान लेना चाहिए। कई बार ऐसा होता है की माता-पिता बच्चों को रोक-टोक करते हैं तो बच्चे नाराज हो जाते हैं। ऐसे में माता-पिता कंफ्यूज रहते हैं कि बच्चों को आखिर क्या चाहिए अपनी आजादी की बातें वह क्यों करने लग गए हैं ऐसे में आपको समझना जरूरी है।
प्राइवेसी की जरूरत
बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो पेरेंट्स उन्हें बच्चों की तरह ही देखते हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि बच्चा एक नॉर्मल लाइफ जैसे जीता था वैसा रहे। लेकिन बच्चों के बड़े होने के साथ-साथ कई बड़े बदलाव भी आते हैं जिसमें वह अपनी प्राइवेसी अपने अधिकार की बात करने लग जाते हैं। जब बच्चे टीनएज की तरफ पढ़ते हैं तो क्रश और कैरियर जैसी चीज सामने आती हैं जिसे आपको उनके साथ मिलकर शेयर करना चाहिए।
जरूरत के हिसाब से काम
बच्चों की प्राइवेसी बहुत जरूरी होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि उन्हें माता-पिता की जरूरत नहीं है। बच्चे अलग होते हैं वह अपने-अपने तरीके से काम करते हैं अगर पेरेंट्स उनकी बातों पर ध्यान ना दें तो उन्हें बुरा लगता है। पेरेंट्स के सामने हमेशा इस तरह की सिचुएशन आती है कि बच्चे कहते हैं - क्या आपने मेरी बात सुनी समझी।
होते हैं कई बदलाव
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं डिजिटल युग के जमाने में कई बड़े बदलाव भी होते हैं। यह बदलाव कल्चरल हो सकते हैं जिसमें बच्चा कहीं बाहर जाने के लिए बड़ों की परमिशन नहीं लेता। ऐसे में माता-पिता को बच्चों को बैलेंस करने की जरूरत है नहीं तो वह अनकंफरटेबल महसूस करने लग जाते हैं। जब बच्चे बड़े होते हैं तो वह अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती करने की परमिशन मांगते हैं ऐसे में आपको थोड़ी बहुत छूट देनी चाहिए।
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