पार्टनर के ओवर पजेसिव होने के लक्षण

पार्टनर के ओवर पजेसिव होने के लक्षण

तुम सिर्फ मेरी हो, सिर्फ मेरी और हमेशा मेरी ही रहेगी। पार्टनर की जुबान से ऎसे प्यार भरे शब्द सुनकर बहुत अच्छा लगता है, लेकिन यही शब्द तब कांटे की तरह चुभने लगते हैं, जब पता चलता है कि इसके पीछे उनका प्यार नहीं, बल्कि ओवर पजेसिव नेचर छिपा हुआ है। साथी का ओवर पजेसिव रवैया आपके रिश्ते के लिए कितना खतरनाक हो सकता है और रिश्तों पर इस चीज का कितना बुरा प्रभाव पडता है। आइये जानते हैं।

साथी के ओवर पजेसिव होने की सबसे बडी वजह है इमोशनल इनसिक्योरिटी यानी भावनात्मक असुरक्षा। इसकी वजह से पार्टनर के पास होते हुए भी इन्हें दूरी का एहसास होता है और पार्टनर को अपने करीब लाने के इरादे से इनका व्यवहार ओवर पजेसिव हो जाता है।
ओवर पजेसिव साथी के मन में अपने पार्टनर को खोने का डर बना रहता है। अत: अपने पार्टनर को इस बात का विश्वास दिलाएं कि आप सिर्फ उनकी हैं, उनसे बहुत प्यार करती हैं और उन्हें छोडकर कभी नहीं जाएंगी। ऎसा करने से पार्टनर के दिल को तसल्ली मिलेगी और कुछ हद तक उनका व्यवहार बदल जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति अपने पार्टनर से झूठ बोलता है या विश्वासघात करता है और रंगे हाथों पकडा जाता है, तो पार्टनर का उस पर से विश्वास उठ जाता है और उनके मन में ये बात घर कर जाती है कि कहीं उनका पार्टनर फिर से उन्हें धोखा तो नहीं दे रहा । इस तरह की सोच उन्हें ओवर पजेसिव बना देती हैं।
कई बार अपने अतीत के अनुभवों की वजह से भी पार्टनर ओवर पजेसिव हो जाता है, जैसे यदि उन्हें उनके एक्स लवर या पार्टनर से धोखा मिला हो या फिर उनके परिवार में किसी ने अपनेलाइफ पार्टनर को इसी तरह धोखा दिया हो, तो वो अपने पार्टनर के प्रति जरूरत से ज्यादा पजेसिव हो जाते हैं।

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