पर्स है या पिटारा हाउस

पर्स है या पिटारा हाउस

आज के इस आधुनिक युग में कामकाजी महिला के लिए तो पर्स ही एक ऎसा साधन है, जिसमें वह पूरे दिन इस्तेमाल में आने वाली अपनी जरूरी चीजें रख सकती है, पर अक्सर यह देखा गया है कि कई महिलाएं इसे स्टोर हाउस बना लेती है, जिसमें आवश्यक सामान कम व फालतू की चीजें अधिक भरी होती है। जिससे उन पर्स किसी पिटारे कम नहीं होता।

आपके पर्स की छोटी पौकेट मेंया जिप पाउच कुछ जरूरी दवाएं जैसे पेन किलर, उल्टी, लजमोशन की दवा और क्रोसिन आदि रखी होनी चाहिए। इनकी एक्सपायरी डेट का ध्यान रखें।

पर्स में पैसे भी ऎसे ही मत रखें। अपने बडे पर्स में एक छोटा-सा पर्स रखें, जिसमे पैसे रखें। जब भी आपको पैसे की आवश्यकता पडे, तो छोटे पर्स में से निकालने में आपको आसानी होगी।

मेकअप रीटच करने के लिए यह बहुत जरूरी है। यों भी यह काम आता है। एक खूबसूरत सा मिरर आपके पर्स में हो, तो उसमें खुद को निहारना भी आपको अच्छा लगेगा।

काजल आई मेकअप करना पसंद है, तो पर्स में काजल पेंसिल भी जरूर रखें। आंखों को ड्रोमेटिक लुक देने के लिए चाहें, तो आंखों के ऊपर-नीचे दोनों तरफ से आउटलाइन करें या फिर जरूरत पडने पर सिर्फ काजल से ही टचअप कर लें।

महत्वपूर्ण विजिटिंग कार्ड, बिल आदि के लिए भी एक पौकेट बना लें। हर सप्ताह अपने पर्स को साफ कीजिए और अनावश्यक बिल या कागज उसमें से निकाल दें।

मोबाइल चार्जर आज के जमाने की ऎसी जरूरत है, जिसके बिना आप दूसरों से कटा-कटा महसूस करती हैं। पर्स में एक अतिरिक्त चार्जर जरूर रखें। इससे आप अपना मोबाइल कहीं भी चार्ज कर सकती हैं।