
गठिया के सफल इलाज में मोटापा, धूम्रपान बाधक
टोरंटो। महिलाओं में मोटापा व पुरुषों में धूम्रपान रुमेटोइड गठिया में 
शुरुआती इलाज के बावजूद सुधार नहीं होने के प्रमुख कारक हो सकते हैं। 
रुमेटोइड गठिया एक पुरानी सूजन की बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के जोड़ों को
 प्रभावित करती है, जिससे व्यक्ति को दर्द होता है और चलने में असमर्थ हो 
जाता है। इससे आंतरिक अंगों पर भी असर पड़ सकता है।
शोध से पता चलता
 है कि शुरुआती पहचान व तत्परता से इलाज के जरिए गठिया के नतीजे में सुधार 
आता है। लेकिन दिशानिर्देशों के अनुसार, देखभाल के बावजूद पहले साल में छह 
फीसदी महिलाओं व 38 फीसदी पुरुषों में सुधार नहीं होता है।
कनाडा 
में मैकगिल विश्वविद्यालय के मेडिसिन के प्रोफेसर सुसान बार्टलेट ने कहा, 
‘‘हमारा शोध बताता है कि जीवनशैली में बदलाव--पुरुषों में धूम्रपान बंद 
करना व महिलाओं में वजन में कमी--साथ ही साथ मेथोट्रेक्जेट के इस्तेमाल से 
तेजी से सूजन घटता है, जो शुरुआती रुमेटोइड गठिया के इलाज का जरूरी लक्ष्य 
है।’’
इस शोध का प्रकाशन एनल्स ऑफ रुमेटिक डिजिजेस नामक पत्रिका में
 किया गया है। इसमें 1628 वयस्कों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 55 साल
 है।
इसमें विश्लेषण से पता चला कि ज्यादा मोटापा होने से महिलाओं में सुधार नहीं होने की संभावना दोगुनी हो जाती है।
(आईएएनएस)
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