रोमांस के लिए झिझक खुलती नहीं
कल तक सेक्स को लेकर स्त्री-पुरूष मान्यताएं अलग-अलग थी, मगर अब यहां भी समानता और स्वतंत्रता के नामपर खुलापन फैलता जा रहा है और शायद यहीं वजह है कि बेशर्म कहलाने की जगह हयादार कहलानावे ज्यादा पसंद करती हैं।
कल तक सेक्स को लेकर स्त्री-पुरूष मान्यताएं अलग-अलग थी, मगर अब यहां भी समानता और स्वतंत्रता के नामपर खुलापन फैलता जा रहा है और शायद यहीं वजह है कि बेशर्म कहलाने की जगह हयादार कहलानावे ज्यादा पसंद करती हैं।