न्यू मेकअप रूल्स
मेकअप करने के कुछ तकनीक होते हैं, कुछ रूल्स होते हैं जाहिर-सी बात है आपके भी कुछ मेकअप रूल्स और स्टाइल होंगे, जिन्हें आप आंख बंद करे अपनाती होंगी। लेकिन अब जमाना बदल गया है और इसी के साथ बदल गया है मेकअप करने का ट्रेंड आप भी बदल डालिए अपने सालों पुराने मेकअप रूल्स को आप अपनाइए न्यू मेकअप रूल्स। ओल्ड रूल: 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को लिपग्लॉस नहीं लगाना चाहिए।
न्यू रूल : यदि आप इस मेकअप रूल को अपनाती हैं तो अब इसे बदल डालें, याद रखें, लिपग्लॉस लगाने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। अगर आप दिन के समय लाइट मेकअप करना चाहती हैं तो होंठों पर केवल लिप बाम या लिप मॉइpराइजर लगाकर लिपग्लॉस लगाएं, इससे आप और ज्यादा खूबसूरत लगेंगी, बेहतर होगा कि लिपलाइनर से आउटलाइन करने के बाद लिपग्लॉस एप्लॉई करें, ताकि लिपग्लॉस होंठों से बाहर न फैले।
ओल्ड रूल : आंखों के नेचुरल कलर से मेल खाता हुआ आईशैडो लगाना चाहिए।
न्यू रूल : आई मेकअप की ये स्टाइल पुरानी हो चुकी है, अगर आप चाहती हैं कि पार्टी में आप कुछ खास और अलग दिखें तो आंखों के नेचुरल कलर से मिलते-जुलते टोन का आईशेडो लगाने की बजाय कॉन्ट्रास्ट शेड का आईशैडो लगाएं। इससे आपकी आंखें ज्यादा अट्रैक्टिव लगेंगी, जैसे - आईज कलर : नेचुरल ब्राउन आईशेडो : एमरल्ड ग्रीन, मोव, लाइलैक, पर्पल, ब्रॉन्ज या डीप प्लम। आईज कलर : ब्लू आईशैडो : ब्लैक, गोल् ड, ब्रांन्ज, कॉपर, पीच या लाइट पिंक। आईज कलर : ग्रीन आईशैडो : गोल्ड या कोरल, पर्पल, मोव और सिल्वर।
ओल्ड रूल : मेकअप करते समय पहले फाउंडेशन, कंसीलर और ब्लश लगाएं और बाद में आई मेकअप।
न्यू रूल : मेकअप करते समय सबसे पहले बेस लगाएं और फिर आई मेकअप करें, क्योंकि आçºर मे आई मेकअप करने से आईशैडो के फैलने का डर रहता है और उसे ठीक करने की कोशिश में मेकअप पैची हो जाता है, जो देखने में भद्दा लगता है। इसलिए पहले आई मेकअप करें, फिर आईशैडो और अतं में मस्कारा लगाएं। स्पांन्ज/पफ से फाउंडेशन लगाए, अतं में ब्लश या ब्रॉन्जर से मेकअप को परफेक्ट फिनिश दे।
ओल्ड रूल : हमेशा लिपलाइनर से आउटलाइन करने के बाद ही लिपस्टिक लगानी चाहिए।
न्यू रूल : आजकल लिपलाइनर फैशन में नहीं है, इसलिए जरूरी नहीं कि आप लिपस्टिक हमेशा लिपलाइनर एप्लाई करने के बाद ही लगाएं। होंठों को सही शेप देने के लिए लाइनर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि आपके होंठों का शेप परफेक्ट है तो आउटलाइन करने की कोई जरूरत नहीं है।
ओल्ड रूल : मेकअप से मैच करती हुई लिपस्टिक ही लगानी चाहिए।
न्यू रूल : लिपस्टिक मेकअप से मैच करती है हुई नहीं, बल्कि स्किन के कलर से मैच करती हुई होनी चाहिए। इसके अलावा लिपस्टिक ्रसलेक्शन करते समय ओकेजन का ध्यान भी जरूर रखें। ऑफिस में फ्लश टोंड कलर, जैसे - ब्राउन, पीच, नेचुरल पिंक, न्यूड और सॉफ्ट शेड्स खूबसूरत लगते हैं और होंठों को नेचुरल लुक देते है, विशेष अवसरों पर ब्राइट व डार्क कलर्स का चुनाव करें। यदि लिपस्टिक लगाने का समय नहीं है तो कलर्ड लिप बाम या लिपग्लॉस लगाएं। होंठ खूबसूरत व ग्लैमरस लगेगे और लिपस्टिक की नमी भी नहीं खलेगी।
ओल्ड रूल :कंसीलर हमेशा फाउंडेशन से लाइट शेड का होना चाहिए।
न्यू रूल : फांउडेशन बेस मेकअप होता है। चेहरे की कमियों को छिपाने के लिए और त्वचा को एकसार करने के लिए फाउंडेशन का प्रयोग किया जाता है, जबकि कंसीलर का इस्तेमान चेहरे के दाग-धब्बों को छुपाने के लिए किया जाता है। इसके लिए आप स्किन टोन से मैच करते हुए कंसीलर का प्रयोग कर सकती हैं। डार्क सर्कल्स को छिपाने के लिए लाइट टोन वाले कंसीलर का इस्तेमाल करें। आजकल मार्केट में अलग-अलग टाइप की त्वचा के अनुरूप कई टिंटेड कंसीलर उपलब्ध हैं। जैसे - रेडनेस को हटाने के लिए ग्रीन टिंट कंसीलर। पर कंसीलर लगाने के बाद उसे अच्छी तरह से ब्लेंड जरूर करें।
ओल्ड रूल : हमेशा एक ही ब्रांड के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चहिए।
न्यू रूल : लगातार एक ही बं्राड के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते रहने से आप आइप्ट होकर रह जाती हैं, जिसके कारण मार्केट में उपलब्ध अन्य ब्रांड के उसी प्रोडक्ट की विशेषताओं से आप परिचित नहीं हो पातीं। दरअसल, आप अपनी त्वचा के अनसुार नहंी, बल्कि इच्छानुसार ब्रांड का चुनाव करती हैं, जो आपको पसंद आता है, उसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना शुरू कर देती है और त्वचा को भी उसी प्रोडक्ट की आदत हो जाती है, इस वजह से आप दूसरे ब्रांड का प्रयोग करने में हिचकिचाती है, जबकि यह भी हो सकता है कि दूसरे ब्रांड के प्रोडक्ट में वह खासियत हो, जो आपकी त्वचा के लिए जरूरी हो।
ओल्ड रूल : नाइट पार्टीज में हैवी मेकअप करना चाहिए।
न्यू रूल : यह बात सही है कि मेकअप ओकेजन के अनुरूप किया जाना चाहिए। पर जरूरी नहीं कि नाइट पार्टीज में हैवी मेकअप किया जाए। आप अपनी डे्रस, काम्प्लेक्शन और पसंद के अनुसार मेकअप कर सकती हैं, जिसमें आप कम्फर्टेबल फील करेंगी और कॉफिडेंट भी।
ओल्ड रूल : 30 की उम्र के बाद शिमरी मेकअप करने से बचना चाहिए, खासकर दिन के समय में
न्यू रूल : मेकअप के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती और शिमरी मेकअप तो आप अपनी इच्छानुसार कभी भी कर सकती हैं। क्योंकि शिमरी मेकअप आपकी पर्सनेलिटी को यंग लुक देता है कठोर स्किन को सॉफ्ट ग्लो। शिमर की कई वैरायटी, कई रेंज मार्केट में उपलब्ध हैं, जैसे - कैमेल या पिंक शोड, जिसे आप दिन या रात कभी भी लगा सकती हैं। यदि मेकअप करते समय शिमरी आईशैडो और लिपस्टिक लगाती हैं तो मैट फिनिश वाला ब्लशर लगाएं।
ओल्ड रूल : पाउडर लागने से स्किन मैच्योर दिखती है।
न्यू रूल : पाउडर लगाने से लुक मैच्योर नहीं, बल्कि फ्लैकी दिखता है और फ्लैकी लुक आपकों उपनी उम्र से बडा दिखाता है। इसलिए चेहरे पर पाउडर लगाने के बाद उसे अच्छी तरह से ब्लेंड करें और एक्सट्रा पाउडर को ब्रश से झाड दें।
ओल्ड रूल : पार्टी मे जाते समय हाथ-पैरों में लगाए गए नेल पेंट का कलर एक ही होना चाहिए।
न्यू रूल : बिल्कुल जरूरी नहीं कि हाथ-पैरों मे लगाए गए नेल पेंट का कलर एक ही हो। आजकल कई तरह के नेलआर्ट फैशन में हैं, चाहे तो ब्यूटीपार्लर में जाकर डिफरेंट टाइप का परमानेंट या टेम्परेरी नेलआर्ट भी करा सकती हैं।
ओल्ड रूल : यलो टोन की स्किन के लिए डार्क शेड का फाउंडेशन ही परफेक्ट होता है।
न्यू रूल : फाउंडेशन हमेशा आपकी स्किन टोन से मैच करता हुआ होना चçाहए। फिर आपकी स्किन टोन - यलो, फेयर या ऑलिव चाहे जो हो। अधिकतर महिलाएं ज्यादा गोरी और खूबसूरत दिखने की चाह में अनावश्यक ही ज्यादा फाउंडेशन चेहरे पर लगा लेती हैं। जिससे चेहरा डार्क व पैची दिखने लगता है। अत: फाउंडेशन का चुनाव करते समय स्किन टोन का ध्यान जरूर रखें। मेकअप करते समय यदि आपको अपना चेहरा डल लगे तो आप गालों पर थो़डा-सा ब्लश और लगा सकती हैं।
ओल्ड रूल : ग्लॉसी रेड लिपस्टिक बहुत शाइनी और लाउड लगती है।
न्यू रूल्स : नहीं, बल्कि ग्लॉसी रेड लिपस्टिक आजकल फैशन में है। ग्लॉसी रेड लिपस्टिक सेक्सी व बोल्ड लुक देती है और अट्रेक्टिव भी लगती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किस मौके पर रेड लिपस्टिक लगा रही हैं। ब्राउन रेड और मैरून रेड शेड तो सभी महिलाएं लगाती हैं। लेकिन डार्क लिपस्टिक लगाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आई मेकअप लाइट हो, अगर लिप और आई मेकअप दोनों डार्क होंगे तो लुक लाउड लगेगा।