मां अम्बे को खुश करता है...गरबा
गरबा-नृत्य मात्र नवरात्र में ही नहीं, बल्कि शारदीय पूर्णिमा, जन्मदिन, विवह तथा अन्या मांगलिक अवसरों पर भी बडे उत्साह से किया जाता है। शारदीय पूर्णिमा पर होने वाले गरबा के गीतों में कृष्ण और गोपियों के बडे ही भावपूर्ण गीत गाये जाते हैं। उस वक्त खेला जाने वाला गरबा रास कहलाता है।