चंचलता लाती है खूबसूरती में चार चांद
स्मार्टनेस सुंदरता में चार चांद लगा देती है। आज सुंदरता के मानदंड में गोरा रंग और तीखे नैननक्श ही काफी नहीं हैं बल्कि स्मार्टनेस की आज के समय में ज्यादा एहमियत है और स्मार्टनेस को ही शतप्रतिशत नंबर मिलते हैं। हर युवती की यह ख्वाहिश होती है कि वह स्मार्ट दिखे। शादी हो जाने के बाद भी यह इच्छा कम नहीं होती। लेकिन मां बनने और आलस्य के कारण विवाह के कुछसालों के अंदर ही स्मार्टनेस लुप्त हो जाती है। जब दोबारा फ्रेशनेस आती है तो जिम, स्लिमिंग सेंटर और ब्यूटीपार्लर के चक्कर शुरू हो जाते हैं। यदि सफलता मिल जाए यानी स्मार्ट फिगर बन जाए तो मेंटेन करना आसान नहीं होता और यदि सफलता नहीं मिले तो मन हताश हो जाता है। स्मार्टनेस की पहचान गोरा रंग और छरहरा शरीर नहीं है। बेशक ये आवश्यक हैं लेकिन अंकों के हिसाब से इन्हें पचास प्रतिशत नंबर ही मिल सकते हैं। स्मार्टनेस के लिए बाकी के पचास अंक हावभाव, बौद्धिक स्तर और व्यवहार कुशलता के कारण मिलते हैं।