प्राकृ तिक उबटन
कुछ प्राकृतिक चीजों को निpत मात्रा में मिलाकर जो लेप तैयार किया जाता है उसे उबटन कहा जाता है। हमारे भारतीय शास्त्रों में उबटन का विशेष महžव रहा है। प्राचीन भारतीय çस्त्रयाँ अपना रूप निखारने के लिए विभिन्न प्रकार की जडी-बूटियों का उबटन के रूप में इस्तेमाल किया करती थीं। इस उबटन से चेहरे का रंग निखारा जाता था। इसके अलावा वे उबटन का प्रयोग त्वचा के बाल नष्ट करने लिए भी करती थीं। आज भी विवाह पूर्व दुल्हन के शरीर की सौन्दर्य-वृद्धि के लिए हल्ही के उबटन का उपयोग किया जाता है। सभी पदार्थो में विशेष गुण होता है जैसे शहद स्वाभाविक स्निग्धता बढाता है बल्कि उसकी कमी को रोकने में भी सहायक होता है। शहद और खुबानी दोनों का प्रभाव त्वचा पर बहुत अच्छा पडता है और यह मिश्रण चेहरे को कांतिमय स्निगधता प्रदान करता है। इसी तरह माडी, गेहंू के आटे की भूसी और मलाई का उबटन प्राचीनकाल से चला आ रहा है। मलाई त्वचा को कसती है और आटे की भूसी त्वचा से मृत त्वचा का अलग करती है।
कैसे लगाएं उबटन अपनी त्वचा की प्रकृ ति को जानकर ही कु छ सामग्रियों को आपस में मिलाकर साफ चेहरे पर लगाएं। चेहरे के अलावा हाथ-पैरों पर भी यह लेप लगाया जा सकता है । इसे कुछ देर सूखने के बाद हल्के हाथों से रगडकर छुडा लें। उबटन लगाने के बाद साबुन लगाने की जरूरत नहीं होती है। उबटन से त्वचा कांतिमय बनती है और इससे गजब का निखार आता है। उबटन में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आप जिस सामग्री का इस्तेमाल कर रही है, वह आपकी त्वचा के अनुकूल है या नहीं। साथ ही जब उबटन को स्क्रब करें तो हल्के हाथों से करें, ताकत के साथ उबटन को ना छुडाएं। ऎसा करने से त्वचा क्षतिग्रस्त हो सकती है, उस पर रेशेज पड सकते हैं। हल्के हाथों से गोलाई में घुमाते हुए उबटन को हटाएं।
नोर्मल त्वचा के लिए उबटन
एक चम्मच उडद की दाल को कच्चो दूध में भिगो दे, पीस कर पेस्ट बनाएं, फिर इसमें थोगुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। थोडी देर सूखने दें फिर धीरे-धीरे गोलाई में रगडते हुए उतार दें और चेहरा धो लें। इससे त्वचा कांतिमय हो जाएगी। मसूर की दाल को पीस कर पाउडर बना लें। दो चम्मच दाल के पाउडर में अंडे की जर्दी मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें दो बूंद नींबू का रस व एक बडा चम्मच कच्चा दूध मिलाकर रोज चेहरे पर लगाएं। सूखने पर छुडाएं व ठंडे पानी से चेहरा धो लें। चेहरे का रंग निखर जाएगा। दो चम्मच मलाई, एक चम्मच बेसन, चुटकी भर हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें, इसे चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। इससे चेहरे का रंग निखर कर आता है। दही त्वचा की रंगत निखारती है, नींबू से तैलीयता कम होती है। इन दोनों को मिलाकर बनाया गया उबटन त्वचा को निखरता है और चमकदार बनाता है। एक ब्रेड स्लाइस को थोडे से दूध में भिगो कर चेहरे पर लगा कर रखें। 5 मिनट बाद रगड कर छडा दें। पानी से चेहरा धो लें। इससे मृत त्वचा हठकर त्वचा जानदार हो जाती है।
तैलीय त्वचा के लिए उबटन
तीन बडे चम्मच खीरे का रस, एक चम्मच मिल्क पाउडर और एक अंडे की सफे दी को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें। इसे आधा घंटे तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद गुनगुने पीना से धो लें। यह तैलीय त्वचा के लिए बेहद उपयोगी है। गर्मियों के दिनों में तैलीय त्वचा से अधिक तेल स्रावित होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए दो चम्मच चने या अरहर की दाल को रात में आधे कप दूध में भिगो दें। सुबह महीन पीसकर चेहरे पर लगाएं। तत्पशचात ठंडे पानी से धो दें। पपीते का गूदा दो चम्मच और उसमें दस बूदे नींबू की डाल कर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर अच्छी तरह मल लें और बीस मिनट बाद धो डालें। एक चम्मच दूध, एक चम्मच रिका और दो चम्मच मुलतानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट तैयार करें। यह पेस्ट तैलीय त्वचा का अतिरिक्त तेल कम करके चेहरे पर नमी बनाए रखता है। दो बडे चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर, एक चम्मच कच्चाा दूध और एक चम्मच गुलाबजल मिलाकर गाढा लेप तैयार करें। इस उबटन को चेहरे पर लगाने से यह त्वचा पर कांतिमय परिवर्तन लाता है।