अपने पैसे को करें मैनेज
सिर्फ
कमाने-खाने व उ़डाने का नाम ही जिंदगी नहीं है। जीवन में भविष्य की
प्लानिंग भी करनी प़डती है और सबसे अह्म है फाइनेंशियल प्लानिंग। भविष्य के
लिए बचत करना न सिर्फ समझदारी की बात है वरन् एक आवश्यकता भी है। अगर समय
रहते बचत कर ली जाए, तो आकस्मिक दुर्घटनाओं व अप्रत्याशित खर्चो का सामना
आसानी से किया जा सकता है।
कुछ लोगों का यह मानना है कि बचत करने के लिए हाथ में अतिरिक्त पैसा होना
चाहिए, लेकिन अगर आप एक बजट बनाकर चलते है, तो अपनी सीमित आय में आसानी से
सेविंग कर सकते हैं।
बजट बनाएं: अपने खर्च को जानने के लिए बजट बनाना जरूरी है। अपने सारे खर्चो
को अलग-अलग वर्गो में डालें, इससे यह समझना आसान हो जाएगा कि आप कहां
फिजूलखर्ची कर रहे हैं। अपनी कुल आय का दसवां हिस्सा बचत के लिए अलग निकाल
लें। अगर ऎसा करना मुमकिन नहीं और महीने के अंत में उसमें से पैसे निकालने
ही प़डते हैं तो 5 से 7 प्रतिशत से बचत करना शुरू करें। शुरू में थो़डी
परेशानी होगी , लेकिन एक बार बजट बनाने के बाद मुश्किलें हल हो जांएगी। जब
लिखित रूप में बजट आपके सामने होगा तो स्वंय ही समझ आ जाएगा कि फिजूलखर्ची
कहां हो रही है।
फाइनेंशियल लक्ष्य बनाएं: सबसे पहले शार्ट टर्म व लान्ग टर्म फाइनेंशियल
प्लान बनाएं। यानी आपको कब-क्या खरीदना है, इसकी लिस्ट बनाएं। जैसे आप कोई
बिजली का उपकरण खरीदना चाहते है या फिर कोई कार या मकान। बिजली का उपकरण
खरीदने के लिए आपको एक-दो महीने से ज्यादा इंतजार नहीं करना प़डता, परन्तु
कार या मकान खरीदने के लिए आपको लंबे समय तक बचत करनी प़डेगी। आप तभी उसको
खरीद पायेंगे और उसके लिए आप पूरी योजना बना के चलें।
अलग से सेविंग अकाउंट खोलें: आप अपनी बचत को सेलेरी अकाउंट में जमा न करें
अन्यथा आप हमेशा अपनी बचत में खर्चे पूरे करते रहेंगे और वापस वही राशि जमा
करना आसान नहीं होगा। एक अलग अकाउंट होने पर आपको सदा यह याद रहेगा कि
इसमें जमा राशि आपकी बचत है और उसे बढ़ते देख आपको खुशी होगी एंव बचत करने
की प्रेरणा भी मिलेगी।
अतिरिक्त आय को बचत खाते में डाले: जब कभी कोई एक्स्ट्रा इनकम हो, वेतन
बढ़े, ओवरटाइम मिले, टैक्स रिफंड का पैसा मिले आदि तो उस पैसे को अपने बचत
खाते में जमा कर दें। अगर कभी बचत खाते में से इमरजेंसी में पैसा निकालना
भी प़डे तो समय पर उसे वापस जमा करा दें।
प्रतिदिन के खर्चों का हिसाब रखें: आप अपने दैनिक खर्चों पर एक नजर डाले।
आप स्वंय पर और परिवार पर कितना खर्च करते है। घर में एक दिन में कितना
खर्च होता है। रोज ऑफिस की कैंटिन में खाने की अपेक्षा घर से लंच ले जाएं।
बच्चों को उनकी जरूरत का ही सामान दिलाएं। दूसरों की देखा-देखी घर में
अनावश्यक चिजों का ढ़ेर न लगाएं। जरूरी सामान ही खरीदें। बिजली व पानी का
उचित उपयोग करके भी आप बचत कर सकते है।
सामान खरीदनें से पहले लिस्ट बनाएं: बाजार में कई ऎसी चीजें होती है,
जिन्हे देखकर मन ललचा उठता है और आवश्यकता न होने पर भी हम उन्हे खरीद
लेतें हैं। बेहतर होगा कि लिस्ट बनाकर ही बाजार जाएं। सामान खरीदते समय
मोल-भाव करें, इससे निश्चित रूप से बचत होगी। क्रेडिट कार्ड का उपयोग
आवश्यकता होने पर ही करें: जहां तक संभव हो, भुगतान कैश से ही करें।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने से खर्च ज्यादा हो जाता है। बहुत सारे क्रेडिट
कार्ड न रखें। जहां तक हो सके किश्तों पर सामान लेने से बचें। अन्यथा
ब्याज देने में ही वेतन पूरा हो जाएगा और बचत का विचार भी मन में नहीं
आयेगा।
अपना पैसा सेविंग स्कीम में डाले: पोस्ट ऑफिस व बैंक अनेक सेविंग स्कीम
चलाते है, जिनका फायदा आप उठा सकते हैं। आप केवीपी या एनएससी ले सकतें हैं ,
जिन्हे 5 से 6 वर्ष के बाद कैश कराया जा सकता है। आप पीपीएफ में भी पैसा
डाल सकते हैं , इसमें टैक्स में भी छूट मिलती है और आपका पैसा भी सुरक्षित
रहता है। स्मॉल सेविंग स्कीम लेना ज्यादा ठीक रहता है। इसके साथ ही आप
इंश्योरेंस भी कराएं। इंश्योरेंस का अर्थ सुरक्षित जीवन तो है ही , साथ ही
यह बचत करने का भी एक अच्छा विकल्प है इस तरह आप अपने पैसे की बचत कर के
उसी पैसे से अपने जीवन के सपनों को साकार कर सकते है और आप पर कोई अतिरिक्त
भार भी नहीं प़डेगा।
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