ब़डे काम की चीज है मोबाइल
मोबाइल
फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। बाजार में आईफोन आने के बाद मीडिया
में, वेबसाइटों पर और ब्लॉग्स पर इसकी खूब चर्चा हुई। आईफोन की कीमत काफी
ज्यादा है इसलिए भारत में इसके उपभोक्ता कम हैं लेकिन आम मोबाइल फोन की
बात करें तो शायद अहसास होगा कि फोन के बिना जिंदगी में अधूरापन सा है।
आज के दौर में मोबाइल के बिना जिंदगी की कल्पना करने पर शायद हम असहज महसूस
करने लगेंगे। इस बारे में बिग बॉस में भाग लेने वाले कलाकारों से बेहतर
कौन बता सकता है।
भले ही मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का हिस्सा हो लेकिन कई बार यह परेशानी का
सबब बन जाता है। मसलन आप काम में व्यस्त हों और फोन बजने लगे। खैर इसका भी
समाधान है कि आप मोबाइल को शांत अवस्था (साइलेंट) में कर लें। इसके अलावा
कई सेवा प्रदाता ऎसी सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं कि अगर फोन बंद हो तो भी
आने वाली कॉल के बारे में पता चल जाएगा। फोन ऑन करते ही पता चल जाएगा कि
इस दौरान कितनी कॉल्स आई। ये सभी छूटी हुई कॉल (मिस कॉल) के तहत दर्ज हो
जाएंगी। एक तरीका यह भी है कि आप मोबाइल से बैट्री को अलग कर दें। ऎसी
स्थिति में आपका फोन "पहुंच से बाहर" हो जाएगा और कोई यह शिकायत भी नहीं कर
पाएगा कि आपने फोन बंद कर लिया था।
मौजूदा समय में भारत में 40 करो़ड से ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता हैं जिसमें 30
फीसदी ग्रामीण इलाकों में हैं। अनुमान है कि 2012 तक भारतीय मोबाइल फोन का
बाजार दोगुना हो जाएगा। दरअसल, कंपनियां नई रणनीति, नए तरह के फोन, नई
सेवाओं के साथ बाजार में उत्पादों को उतार रही हैं। भारतीय बाजार में
कंपनियां चीन के सस्ते मोबाइल फोन से मुकाबला करने के लिए सस्ते फोन बाजार
में उतार रही हैं। भारत में चीनी मोबाइल की बिक्री पर पाबंदी है। इसके
बावजूद ये फोन खुलेआम बिक रहे हैं।
फोन के माध्यम से हम लोगों से, अपने परिवार से, अपने कार्यालय से और
दोस्तों से संपर्क में रहते हैं। उन्हें संक्षिप्त संदेश सेवा (एसएमएस)
भेजते हैं। फोन के माध्यम से लाखों लोग आपातकाल में एंबुलेंस की मदद
प्राप्त कर लेते हैं। मोबाइल के और भी कई अन्य उपयोग हैं। मसलन ज्योतिष,
समाचार, खेल, शेरो-शायरी जैसी सामग्री को डाउनलोड किया जा सकता है।
मोबाइल में कैमरा हो तो कहीं भी और कभी की भी तस्वीर ली जा सकती है।
रिकॉर्डिग की सुविधा मोबाइल को बेहद खास बनाती है। अब आईफोन में तो इंटरनेट
की भी सुविधा है। ग्रामीण भारत में मोबाइल फोन का प्रसार बहुत तेजी से
हुआ है लेकिन यहां बिजली की आपूर्ति की दिक्कत है। इसलिए यहां बैट्री को
चार्ज करना एक ब़डी चुनौती है। ग्रामीण इलाकों में अकसर ऎसी कहानियां
सुनने को मिलती हैं कि लोग अपने मोबाइल की बैट्री को चार्ज करने के लिए
20-20 किलोमीटर दूर तक जाते हैं लेकिन यहां भी जुग़ाड काम कर गया है।
बैट्री से जु़डे एक विशेष केबल के माध्यम से मोबाइल को चार्ज कर लिया जाता
है।
पिछले दिनों मीडिया में खबरें आईं कि किसानों, खुदरा व्यापारियों और वितरण
केंद्रों को मोबाइल के माध्यम से जो़डा जाए ताकि किसानों को उनकी उपज का
सही दाम मिल सके। साथ ही वह समय से अपने फसलों को बेच सकें। मोबाइल फोन
को टीवी रिमोट की तरह प्रयोग किया जाता है। अगर आपके फोन में इंफ्रारेड
पोर्ट है तो कुछ सॉफ्टवेयर की मदद से मोबाइल को टीवी रिमोट के रूप में
प्रयोग कर सकते हैं। ऎसे सॉफ्टवेयर भारत में आसानी से उपलब्ध हैं।
मोबाइल फोन ने अलार्म घडी और हाथ वाली घडियों के व्यापार को काफी
प्रभावित किया है। मोबाइल से न सिर्फ आप समय देख सकते हैं बल्कि अलार्म लगा
सकते हैं। अपने जरूरी काम के लिए या किसी से मिलने का समय भी सेट कर सकते
हैं। निश्चित समय पर मोबाइल आपके काम की याद दिला देगा। छोटे बच्चों के
लिए तो यह एक खिलौने का भी काम करता है। इसके अलावा मोबाइल में मौजूद टार्च
भी लोगों के लिए ब़डे काम का है।
मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि जिन इलाकों में सरकार विभिन्न योजनाओं
के तहत धन उपलब्ध कराती है वहां मोबाइल फोन की बिक्री बढ़ जाती है। यहां तक
कि आपदा राहत के लिए जिन इलाकों में सरकार ने लोगों को धन मुहैया कराया
वहां भी मोबाइल की बिक्री में तेजी देखने को मिली। जाहिर है मोबाइल हमारे
लिए आवश्यक बन गया है।
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