प्यार करें लेकिन गरिमा न खोएं
आप हमेशा आदर्श स्थिति की तलाश में रहते हैं। आपके मस्तिष्क में आदर्श स्थिति बनती है, प्रचलित नियमों व आदर्शो से। यह जानते हुए भी कि समय-समय पर आदर्श स्थिति मापने का पैमाना बदलता रहा है और तेजी से बदल रहा है। फि र भी आप वर्तमान के जो मुख्य स्थापित स्वीकृत नियम-कानून होते हैं उसे ही अपना आदर्श मानकर, जीवन में उतारना चाहते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं चाहते कि वह बदलाव के वाहक बनें। हां, उनके मन का विचार यदि वर्तमान का आम चलन बन गया है तो उसे अपनाने में उन्हें कोई हर्ज भी नहीं लगता। दरअसल, प्रचलित आदर्श स्थिति भी एक काल्पनिक सुख की कसौटी होती है जिस पर खरा उतरकर हर कोई संपूर्णता पाना चाहता है। पर अक्सर उन्हें ढेर सारे अगर-मगर और झोल नजर आते हैं जहां कुछ भी उतना सुंदर, उतना करीने से सजा-सजाया नहीं मिलता है जिसकी कामना सभी पालकर बैठे होते हैं।