रिश्तों को मजबूत करता है प्यार
तेज मई/जून की गर्मी गुजरी
आंखों-आंखों में फिर आया अगस्त-सितंबर-अक्टूबर का महीना, जिसमें मौसम कुछ
सुहाना सहा बना हुआ है कहते हैं कि प्यार की भाषा वही जान सकता है जिसे
प्यार हुआ हो और यह बात सच भी है। इश्क एक खूबसूरत एहसास है, जिसकी गहराई
को सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता है। इसलिए तो प्यार कब और कहां हो जाए
कहा नहीं जा सकता, क्योंकि प्यार किया नहीं जाता बल्कि हो जाता है। एक
अंजान व्यक्ति जिंदगी में आकर दिल में कुछ ऐसी जगह बना लेता है कि न तो भूख
लगती है और न ही प्यास और न दुनिया की फ्रिक होती है। पर जिंदगी में यह
बदलाव एकदम से नहीं आता बल्कि यह धीरे-धीरे गहरा होता है और कई स्थितियों
से गुजरकर लाइफ का एहम हिस्सा बनता है। जैसे...
कहते है कि प्यार में वो ताकत है जो दुश्मन को भी दोस्त बना देती है। भरोसा
ना हो तो आजमाकर देख लीजिए, आप आज तक जिस व्यक्ति से नफरत करते आए हैं, एक
बार उसकी तरफ प्यार से दोस्ती का हाथ बढाकर देखिए। हो सकता है, पहली बार
वो आपकी तरफ देखे भी नहीं। लेकिन फिर भी आप दुबारा कोशिश कीजिए, अगली बार
वो आपकी दोस्ती के निमंत्रण को जरूर स्वीकारेगा। प्रेम तो पत्थर को भी
पिघला सकता है, इंसान का दिल तो फिर भी कोमल होता है। घृणा के घाव बदसूरत
होते हैं और प्रेम के खूबसूरत।