आर्ट ऑफ लव मेकिंग
हम सभी यह सोचना पसंद करते हंै कि हम एक अच्छे प्रेमी हैं और प्यार करने की कला में माहिर हैं। लेकिन क्या यह पूर्णत: सत्य है। क्या आप और हम हमेशा अपने साथी को संतुष्ट करने में सफल रहते हैं, क्या हमने हर बार ध्यान रखा है कि हमारे पार्टनर की पसंद और नापसंद क्या हैं क्यों हम एक दूसरे के प्रति अत्यधिक प्रेम होने के बाद भी संबंधों में मानसिक संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाते हैं। क्यो हममें से अधिकांश लोग अपना शारीरिक सुख तो पा लेते हैं लेकिन कहीं न कहीं अपने साथी की भावनाओं की उपेक्षा कर देते है शायद इन सवालौं ने आपको सोच में डाल दिया होगा और अगर इन प्रशों के जवाब में आपके मन के किसी कोने से ये आवाज आई है कि हां शायद कभी ना कभी कहीं ना कहीं हम अपनी इस जिम्मेदारी से चूक गए हैं तो सबसे पहले आपको इसका कारण जानना होगा। इसका सबसे मुख्य कारण वैवाहिक जोडों का आपस में संबंधों को लेकर खुलकर बात करने में झिझक महसूस करना है। प्यार करना भी एक कला है और किसी भी अन्य कला की तरह ही आपको इसे बेहतर बनाने के लिए पूरी तैयारी करने की जरूरत है। अक्सर पुरूषों और महिलाओं में इन संबंधों पर विचार-विमर्श करने की आदत इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें अपनी प्रारंभिक उम्र किशोरावस्था से युवावस्था में कितनी जानकारी प्राप्त हुई है। इसी कारणवश ज्यादातर जोडे शादी के बाद अपने इस अधूरे ज्ञान के साथ शारीरिक संबंध तो बना लेतें हैं परन्तु इस अंतरंगता के रंग में छिपी दिलों की आत्मियता का मेल करने में चूक जाते हैं। इसलिए आज हम आपको प्यार की इस कला में महारत हासिल करने और एक यादगार लव मेकिंग केअनुभव के लिए कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं। इन्हें प्यार की भाषा में लव सेंस कहते हैं। आइए पहले जानते हैं कुछ मानसिक लव सेंस के बारे में।