लव मतलब 143

लव मतलब 143

बाबा कबीरदास जी ने कहा था ""ढाई अक्षर प्रेम का पढे सो पंडित होय"", लेकिन आज अपने आसपास नजर डालें तो पायेंगे की इन ढाई अक्षरों को कोई नहीं पढ रहा। वे ढाई अक्षर अब बडे रेलवे स्टेशनों के बाहर खडे स्टीम इंजनों की तरह हो गए हैं। जिन्हें अब उपयोग में नहीं लिया जाता, वे सिर्फ दर्शनीय हो गयें हैं। अंदर की पटरियों पर तो ""143"" की मेट्रो टे्रनें धकाधक दौड रही हैं। 143 मतलब आई लव यू। इस भागदौड के टाइम में इतना धैर्य किसके पास है जो ""आई लव य""ू जैसा लम्बा जुमला उछाले, इसलिए इसे अंकगणित में बदल दिया गया और यह हो गया ""143""। इधर से 143 तो उधर से 143 बस हो गया प्रेम। आजकल की पीढी प्रेम जैसी धीर-गम्भीर पोथी को शार्टकट में पढना चाहते हैं।