अकेलापन से हुआ इश्क

अकेलापन से हुआ इश्क

युवा हुआ अकेला युवाओं के बीच अकेलेपन की समस्या सबसे ज्यादा बढी है। ताकनीक के साथ कदमताल करती युवा पीढी यह समझ ही नहीं पाती है कि वास्तविक दुनिया में उसके पास दोस्तों की कमी हो रही है। ऑफिस वर्क को निपटाने और बाकी का टाइम ई-मेल और सोशल नेटवर्किग साइट पर बिताने के चक्कर में उसके पास कुछ और सोचने की फुर्सत ही नहीं होती है। वर्चुअल दुनिया उन्हें कुछ समय के लिए सबके साथ होने का आभास तो कराती है लेकिन इसकी तुलना साथ बैठकर की जाने वाली बातचीत और मौस्ती से नहीं की जा सकती। इसीलिए काम में डूबे रहने के बावजूद युवा अपने अकेलेपन को अंदर महसूस करते हैं, लेकिन किसी से बांटने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उन पर हंसेगे।